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वापस लौटने लगे प्रवासी मजदूर, फिर जुड़ा पूरब का पंजाब से रिश्ता

-गांव कनेक्शन, कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से पूरब का पंजाब से रिश्ता एकबारगी टूट गया था। यहां रोजी-रोटी कमा रहे दस लाख से ज्यादा मजदूर वापस उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड लौट गए थे। इतने बड़े पैमाने पर हुए प्रवासी श्रमिक पलायन ने सूबे के किसानों और उद्योगपतियों को गहरी चिंता में डाल दिया था। मध्य जून को धान रोपाई शुरू होती है और धीरे-धीरे इंडस्ट्री भी शुरू हो...

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धारावी: मुंबई के हॉटस्पॉट में कोरोना कंट्रोल की कहानी

-द क्विंट, जब अप्रैल और मई में धारावी में हर दिन एक मौत और दो दर्जन से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस लगातार सामने आ रहे थे, तब यह महाराष्ट्र सरकार के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया था. हालांकि अब यहां स्थिति में थोड़ा सा सुधार होने लगा है. कोविड-19 के इस हॉटस्पॉट धारावी से जून के पहले हफ्ते में कोरोना से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया. मई 2020...

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चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 22,000 करोड़ बकाया, चालू पेराई सीजन में 48 लाख टन के निर्यात सौदे

-आउटलुक, पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है। हालांकि चालू पेराई सीजन में चीनी निर्यात पर अच्छी खबर है, तथा अभी तक करीब 48 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं। केंद्रीय खाद्य एव उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि चालू पेराई सीजन में किसानों के गन्ने...

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भारत में ‘गन्स, जर्म्स और स्टील का संकट’ है, लेकिन भारतीय उद्योग जगत ख़ामोश है

-द प्रिंट,  ‘डर की वजह से बहुत से लोग बोलते नहीं हैं, लेकिन सवाल ये है, कि किस चीज़ का डर?’ ये सवाल उद्योगपति राजीव बजाज ने, कोरोनावायरस से निपटने के विषय पर, हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ एक बातचीत में किया. ये वीडियो क्लिप भारत के कॉरपोरेट जगत के प्रमुखों के बीच, निजी व्हाट्सएप ग्रुप्स पर व्यापक रूप से वायरल हुई, और उनकी साफ़दिली के लिए...

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पर्दे के पीछे, ‘मिशन आत्मनिर्भर’ की कठपुतली बड़ी कंपनियों की उंगलियों पर थिरकने लगे

-इंडिया टूडे, अब केवल दो कंपनियों की मोबाइल सेवा चलती है. हवाई यात्रा से बेबी फूड तक और मक्खन से लेकर म्युचुअल फंड तक बाजार में एकाधिकार जम गए हैं. उपभोक्ताओं के पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं. मोबाइल फोन पर मई, 2025 की कोई तारीख दिख रही है. नौकरी की चिंता में मुश्किल से सो पाया, वरुण चौंककर जग गया. आत्मनिर्भरता की आवाजों के बीच बाजार पर एकाधिकार या कार्टेल का खतरा मंडरा...

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