नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
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जालंधर के 31 गांवों को मिला स्वच्छ पेयजल
जालंधर। जिले के गांवों में लोगों को पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने के प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। यह दावा जिला परिषद के चेयरमैन जत्थेदार माहला सिंह ने जिला वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन कमेटी की सोमवार को हुई मीटिंग में किया। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक से जुड़े इस प्रोजेक्ट के तहत 31 गांवों में वाटर सप्लाई स्कीम शुरू हो गई है। इस पर 12 करोड़ 37 लाख रुपए...
More »महिला जमींदारा तै पूछकै बणगी खेती नीति
हिसार. हरियाणा किसान आयोग का मानना है कि पूरे राज्य में खेती का असल दारोमदार महिलाओं के हाथ में है। गांव की 70 प्रतिशत महिलाएं हल चलाने को छोड़कर कृषि से जुड़े सारे काम को अंजाम देती हैं। इसके चलते राज्य कृषि नीति तय करने के लिए उनका फीड बैक सबसे अहम हैं। इस फैसले बाद आयोग खेतों में काम करने वाली महिलाओं से बातचीत करता नजर आएगा। कृषि...
More »किसान ही बना सकता है ‘उत्तम प्रदेश’
इलाहाबाद में दो सप्ताह से तनाव है, यहां किसान आंदोलनरत हैं। वे नहीं चाहते कि उनकी खेती की जमीन औने-पौने दाम में लेकर उस पर ‘विकास’ किया जाए। ऐसी ही स्थिति बीते दो सालों के दौरान दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा आदि में देखने को मिली है। विकास के नाम पर खेत उजाड़ने पर किसान सड़कों पर उतरता है। देश के सबसे विस्तृत राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक केनवस...
More »स्कूलों की पुकार अब सुनेंगे योजनाकार- रवीन्द्र बड़थ्वाल
शिक्षकों की कमी, बगैर भवनों-लेबोरेट्री, लाइब्रेरी के साथ ही बिजली और पेयजल के बगैर संसाधनों के चीथड़ों में दबे-छिपे सरकारी माध्यमिक स्कूल ज्यादा देर तक राज्य और केंद्र के योजनाकारों की निगाहों से नहीं छिप सकेंगे। स्कूल एजुकेशन मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम के जरिए सूबे के 2700 से ज्यादा सरकारी और निजी माध्यमिक स्कूलों के बारे में जरूरी सूचनाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं। जल्द ही इन सूचनाओं की पहुंच आम...
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