शिखा, मानसी और पारुल के नाम आजाद भारत का इतिहास यकीनन अपने पन्नों में दर्ज नहीं करेगा। उसे सिर्फ नायकों, खलनायकों और विदूषकों का लेखा-जोखा रखने की बुरी आदत है। आप सोच रहे होंगे कि रविवार की सुबह मैं किन लोगों की राम कहानी लेकर बैठ गया। बता दूं, दिल्ली के मंडावली इलाके में ये तीन बच्चियां इस बीतते हफ्ते की शुरुआत में अचानक दम तोड़ गईं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता...
More »SEARCH RESULT
अवसाद की फैलती महामारी-- आशुतोष चतुर्वेदी
आत्महत्या करने से बड़ा कोई अपराध नहीं है. हाल में तीन जाने-माने लोगों ने आत्महत्या की है. इसके अलावा ऐसी भी कई खबरें सामने आयीं कि 10वीं और 12वीं के नतीजों के बाद कुछ बच्चों ने भी आत्महत्या कर ली. जब-तब किसानों के भी आत्महत्या करने की खबरें आती रहती हैं. यह प्रवृत्ति गंभीर रूप धारण करती जा रही है. हाल में आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने इंदौर स्थित अपने...
More »राजनीतिक शक्ति बनें किसान-- राजकुमार सिंह
अगर किसी कृषि प्रधान देश में कृषि और किसान ही संकट में आ जायें तो देश की दशा-दिशा का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। भारत एक कृषि प्रधान देश है, यह बात दशकों से पाठ्य पुस्तकों में पढ़ायी जाती रही है, क्योंकि लगभग 80 प्रतिशत तक आबादी जीवनयापन के लिए कृषि और उससे जुड़े काम-धंधों पर निर्भर रही है। इसलिए ग्रामीण भारत को ही असली भारत भी कहा...
More »अंतहीन कृषि संकट से कैसे उबरें-- देविन्दर शर्मा
देश का 'अन्न का कटोरा' कहा जाने वाला पंजाब कई विरोधाभासों का सामना कर रहा है। जबसे हरित क्रांति की शुरुआत हुई, पंजाब ने साल दर साल रिकॉर्ड स्तर पर अतिरिक्त अनाज का उत्पादन किया, फिर भी यह वर्षों से किसान आत्महत्या के कारण कब्रगाह में तब्दील हो गया है। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा, जब पंजाब के अखबारों में किसान आत्महत्या की खबर न छपती हो। पंजाब राष्ट्रीय...
More »रेगिस्तान का बढ़ता दायरा-- निरंकार सिंह
दुनिया के सामने आज सबसे बड़ा संकट उपजाऊ भूमि के लगातार रेगिस्तान में बदलने से पैदा हो रहा है। धरती के रेगिस्तान में बदलने की प्रक्रिया बड़े पैमाने पर चीन, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, भूमध्यसागर के अधिसंख्य देशों तथा पश्चिम एशिया, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के सभी देशों सहित भारत में भी जारी है। इतिहास गवाह है कि दुनिया के हर साम्राज्य का अंत उसके रेगिस्तान में बदल जाने के कारण ही...
More »