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भारत में न्याय अब एक ऐसा शब्द है जो अपना मतलब खोता जा रहा है

-सत्याग्रह, साल 2000 में अपने एक व्याख्यान में चर्चित अर्थशास्त्री टीएन श्रीनिवासन ने कहा था कि ‘भारत में अगर कोई गरीब है तो इसकी ज्यादा संभावना है कि वह किसी ग्रामीण इलाके में रह रहा होगा, अनुसूचित जाति या जनजाति या फिर सामाजिक रूप से पिछले वर्ग से ताल्लुक रखता होगा, कुपोषित, बीमार या फिर कमजोर स्वास्थ्य वाला होगा, अनपढ़ या फिर कम पढ़ा-लिखा होगा और कुछ खास राज्यों (जैसे बिहार,...

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एनडीए से हटने के बाद अकाली दल अध्यक्ष का दावा, “सीएए और 370 पर बीजेपी का किया था विरोध”

-कारवां, केंद्र सरकार द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानून पारित किए जाने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से शिरोमणि अकाली दल बाहर हो गई है. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने 26 सितंबर को घोषणा की कि वह पंजाब और सिख मामलों में बीजेपी द्वारा निरंतर दिखाई जा रही संवेदनहीनता के चलते गठबंधन तोड़ रहे हैं. बादल ने एनडीए के कामकाज के तरीके पर भी सवाल उठाए और क्षेत्रीय साझेदारों को...

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संविधान और बराबरी की बात करने वाले उमर खालिद से क्यों डरती है सरकार

-कारवां, 13 सितंबर की आधी रात को खबर मिली कि उमर खालिद को लोधी कॉलोनी स्थित दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के कार्यालय में कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से झारखंड के आदिवासी इतिहास में पीएचडी करने वाले उमर को एक साजिश में तथाकथित भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया था. दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि फरवरी के अंतिम...

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दिल्ली दंगों पर अपनी जाँच रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

-बीबीसी, मानवाधिकारों पर काम करने वाला अंतरराष्ट्रीय ग़ैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), 'एमनेस्टी इंटरनेश्नल' ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फ़रवरी में हुए दंगों पर अपनी स्वतंत्र जाँच रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस पर दंगे ना रोकने, उनमें शामिल होने, फ़ोन पर मदद मांगने पर मना करने, पीड़ित लोगों को अस्पताल तक पहुंचने से रोकने, ख़ास तौर पर मुसलमान समुदाय के साथ मारपीट करने जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं. दंगों के...

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राजनीति से प्रेरित है दिल्ली हिंसा की पुलिस जांच : अपूर्वानंद

-कारवां, अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर होने के साथ एक मानव अधिकार कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के तहत हिंदुत्व के उभार पर बेबाकी से लिखा और बोला है. पिछले साल दिसंबर में जब नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे थे तो अपूर्वानंद ने इस कानून के खिलाफ निरंतर आवाज उठाई. साथ ही वह...

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