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क्या जीएम सोयामील आयात की अनुमति का फैसला देश में जीएम फसलों का रास्ता खोलेगा

-रूरल वॉइस, केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के तहत डायरेक्टर जनरल ऑफ फारेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने 12 लाख टन जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) सोयाबीन से तैयार सोयामील के आयात की अनुमति की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए आयात नीति 2017 के उस प्रावधान में रियायत दी गई है जिसके तहत जीएम सोयामील के आयात के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) की मंजूरी की अनिवार्यता है। इस फैसले के बाद...

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WHO COVID डेटाबेस में हैं कई ‘खामियों भरे जर्नल्स’, जिसमें 70 पेपर भारतीयों के हैं

-द प्रिंट, सैकड़ों शोध पत्र, जिसमें से भारत के कम से कम 70 शोध पत्र जो प्रिडेटरी या खामियों भरे जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड विज्ञान प्रकाशनों के वैश्विक शोध पत्र में शामिल हो गए हैं. डब्ल्यूएचओ अब इन शोध पत्र की जांच कर रहा है. एक एजेंसी जो ‘कोरोनावायरस बीमारी पर वैश्विक साहित्य’ की एक सूची रखती है, जिसमें दुनिया भर से 30 लाख से अधिक...

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यूनेस्को साइंस रिपोर्ट 2021: रिसर्च और टेक्नोलॉजी डेवल्पमेंट भारत का भविष्य तय करेगी!

वैज्ञानिक ज्ञान ने भयानक कोरोनावायरस और इसके प्रसार से निपटने में बहुत मदद की है. रिकॉर्ड कम समय के भीतर, वैज्ञानिकों (वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, बायोस्टैटिस्टियन, आदि सहित) और उनके शोध परिणामों ने आम लोगों को यह जानने में मदद की कि SARS-CoV-2 क्या है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है. आम लोगों को अब यह पता चल गया है कि कैसे सरल तकनीक और व्यवहार में...

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शेयर बाजार एक आईना है- 40 सालों में कितना बदला भारतीय बिजनेस और इसमें क्या कमी है

-द प्रिंट, चालीस साल पहले सबसे बड़े 30 व्यावसायिक ‘घरानों’ की जो कंपनियां शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध थीं उनका कुल मूल्य 6,200 करोड़ रुपये था. उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) इससे 28 गुना बड़ा (1.75 लाख करोड़ रु. के बराबर) था. ज़्यादातर कंपनियां जूट, चाय, सीमेंट, चीनी, इस्पात के उत्पाद और कपड़े जैसे ‘प्राथमिक’ उत्पादों का उत्पादन करती थीं. उसके बाद से नाटकीय बदलाव हुए हैं. आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज...

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कोरोना काल: कठिन प्रश्नों के सरल जवाब

-न्यूजक्लिक, कोरोना कहर ढा रहा है। चार लाख नये मरीज हर रोज तक हो गये हैं। अगर सरकार चाहेगी तो उसको चार लाख से आगे बढ़ने देगी और अगर चाहेगी तो उसे यहीं पर रोक देगी। पहली लहर के समय में भी सरकार ने कोरोना के मरीजों को एक लाख से नीचे ही रोके रखा था और इस बार भी सरकार जब चाहे कोरोना के मरीजों को बढऩे से रोक सकती...

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