प्नई दुनिया(संपादकीय),रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत बदलने के लिए 'सांसद आदर्श ग्राम योजना" के साथ एक विशेष पहल की। यह योजना कामयाब रही, तो निश्चित ही इससे भारत में ग्राम विकास का नया मॉडल सामने आएगा। लेकिन उस मंजिल तक पहुंचने की राह में कई रुकावटें हैं। इस तरफ ध्यान खुद कई सांसदों ने खींचा है। ऐसे में सवाल है कि सामाजिक समावेशन के लिए प्रधानमंत्री की...
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गांधी, गांव और इश्तहार- चंदन श्रीवास्तव
बड़ा फर्क है गांधी और आंबेडकर की सोच में बसे गांव के बीच. गांधी के गांव में हिंसा है ही नहीं. गांधी की कल्पना में बसते गांव में भूमिहीन और भूस्वामी बिना झगड़े के रहते हैं. गांधी से किसी ने पूछा- बताइए, गांव के भूमिहीन और भूस्वामियों के बीच कैसे बराबरी स्थापित होगी? उनका जवाब था- भूस्वामी स्वयं ही अपनी भूमि पर दावा छोड़ भूमिहीनों की मदद के लिए आगे...
More »आठ साल में आदिवासी विकास पर खर्च हुए 52,848 करोड़
रांची: झारखंड सरकार ने 2006-07 के बाद से लेकर 2013-14 तक आठ वर्षो में आदिवासियों के विकास के लिए 52,848 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. योजना एवं विकास विभाग की ओर से जारी किये गये आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले आठ वर्षो में जनजातीय उप योजना (टीएसपी) के 14 जिलों और अनुसूचित जाति विशेष अंगीभूत योजना (एससीएसपी) के तहत कुल 77077.75 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया था, इसमें...
More »2022 तक सभी गरीबों को मिलेगा मकान
रांची : केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वर्ष 2022 तक देश के सभी गरीबों को मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र सरकार वर्ष 2022 तक देश भर में करीब तीन करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय बनाने की भी योजना है, ताकि खुले में शौच की परंपरा समाप्त की सके. सरकार यह व्यवस्था कर रही...
More »आखिर किस कीमत पर विकास? - एमएम बुच
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत में तीव्र आर्थिक विकास और औद्योगीकरण आवश्यक है, किंतु उत्पादन की गुणवत्ता इतनी ऊंची होनी चाहिए कि विश्व भर में उसकी ख्याति हो। साथ ही विकास एवं औद्योगीकरण पर्यावरण के अनुकूल हो। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए कि विकास के कारण पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। यूपीए सरकार से यह शिकायत रहा करती थी कि भू-अर्जन नीति...
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