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ओडिशा में हाथी गलियारों के मामले में कार्रवाई न करने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी

डाउन टू अर्थ, 17 मार्च ओडिशा में हाथी गलियारों को अधिसूचित करने के अदालत के आदेश का पालन न करने के मामले में एनजीटी ने नाराजगी व्यक्त की है। इसके लिए कोर्ट ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक और ओडिशा के मुख्य वन्यजीव वार्डन को फटकार लगाई है। मामले में ट्रिब्यूनल ने 14 मार्च 2023 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन, ओडिशा को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।...

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ओडिशा: पिछले 10 वर्षों में जेलों में 546 कैदियों और विचाराधीन कैदियों की मौत हुई

क्विंट  हिंदी, 14 मार्च जूनियर गृह मंत्री तुषारकांति बेहरा ने सोमवार को राज्य विधानसभा को बताया कि पिछले 10 वर्षों में ओडिशा (Odisha) की विभिन्न जेलों में कम से कम 546 कैदियों और विचाराधीन कैदियों की मौत हुई है। बीजद सांसद सौम्य रंजन पटनायक के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री बेहरा ने कहा कि 2013 से 2022 के दौरान राज्य की विभिन्न जेलों में 200 कैदियों और...

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मौसम विभाग की रिपोर्ट ; पांचवां सबसे गर्म साल रहा 2022

भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...

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ओडिशा की नई अक्षय ऊर्जा नीति और 10 गीगावाट का लक्ष्य

मोंगाबे हिंदी, 16 जनवरी  ओडिशा को भले ही अक्षय ऊर्जा की उच्च क्षमता वाला राज्य नहीं माना जाता हो, लेकिन राज्य सरकार अपनी नई ऊर्जा नीति के साथ इसी तरफ बढ़ती नज़र आ रही है। अपनी नई अक्षय ऊर्जा नीति – राज्य अक्षय ऊर्जा नीति 2022 – के जरिए सरकार स्पष्ट तौर पर राज्य के भीतर स्वच्छ ऊर्जा विकास को प्रोत्साहित करने और उस पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। राज्य...

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ओडिशा के पहाड़ी इलाकों में स्ट्राबेरी उगा रहे हैं आदिवासी किसान

गाँव कनेक्शन, 9 जनवरी एक साल पहले 2021 में इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी(ITDA),ने कोरापुट जिले के चार गाँवों की 30 आदिवासी महिलाओं को पहली बार जिले के डोलियांबा गाँव में पांच एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने में मदद की थी। ये महिलाएं तीन स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)-माँ सुभद्रा, माँ तारिणी और माँ बरुआ- से जुड़ी हुईं थीं। आज ये आदिवासी महिलाएं सफल स्ट्रॉबेरी किसान हैं। इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी,...

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