-डाउन टू अर्थ, संसद में पारित तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान सड़कों पर है। 25 सितंबर 2020 को पूरे देश भर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हों। जनवरी से सितंबर 2020 के बीच नौ माह में 20 राज्यों में कम से कम 50 बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं, जबकि जनवरी, मई,...
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मोदी ऐसा कृषि बिल क्यों नहीं लाते कि किसानों को हमेशा MSP मिले: पी साईनाथ
-बीबीसी, किसानों के ग़ुस्से को शांत करने के लिए वरिष्ठ पत्रकार पी साईनाथ ने नरेंद्र मोदी सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि 'वो क्यों ना इन तीन कृषि बिलों के साथ एक और बिल ले आएँ, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के कभी लुप्त ना होने देने की गारंटी देता हो.' साईनाथ ने कहा है कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि वे एमएसपी कभी लुप्त नहीं होने...
More »"कृषि विधेयकों से किसानी पर हो जाएगा कॉरपोरेटों का कब्जा," पंजाब के आंदोलनरत किसान
-कारवां, 14 सितंबर को जब पंजाब और हरियाणा में किसान संगठन विरोध कर रहे थे केंद्र सरकार ने संसद में कृषि से संबंधित तीन विधेयक पेश किए. इन विधेयकों ने जून में घोषित किए गए तीन अध्यादेशों, किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश (2020), किसानों के (सशक्तिकरण और संरक्षण) के लिए मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश (2020) और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश (2020) को प्रतिस्थापित कर...
More »किसान लामबंदी (1920 – 2020)
-लोकवाणी, “ एक वह हैं जो अपनी ही सूरत को लेते हैं बिगाड़, एक वह है जिसे तस्वीर बनानी आती है ” आज देश में जगह जगह किसान सरकार की नीतियों से नाराज होकर सड़कों पर रोषप्रकट कर रहें हैं. किसान की उपज की लूट चल रही है, किसान कर्ज में डूबते जा रहें हैं, जिस कारण किसान की ख़ुदकुशी के केस बढ़ते जा रहें हैं, सरकार किसान हितैषी होने का दम भरती...
More »किसानों के सामने आत्महत्या का सबसे मुख्य कारण है कर्ज : देविंदर शर्मा
-गांव कनेक्शन, देश में रोज 28 किसान और खेतिहर मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि 89 दिहाड़ी मजदूर जान देने को मजबूर हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से सामने आये आंकड़ें यही गवाही दे रहे हैं। आखिर क्यों देश को अपने हाथों की मेहनत और खून-पसीने से सींचने वाले लोग जान दे रहे हैं, गाँव कनेक्शन के गांव कैफे में इसी मुद्दे पर चर्चा हुई, इस ख़ास चर्चा में शामिल हुए...
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