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क्या वाकई देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों में कमी आई है?

-न्यूजक्लिक, देश के तमाम अलग-अलग राज्यों से दुष्कर्म, यौन हिंसा और महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की खबरों के बीच नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट सामने आने के बाद चारों ओर देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी की सुर्खी छाई हुई है। एनसीआरबी ने साल 2020 में देश में हुए अपराधों का डेटा जारी किया है। इसमें महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर 2019 की...

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लोकल को वोकल बनाने के लिए पंचायत राज व्यवस्था भागीदारियों की स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग जरूरी

-रूरल वॉइस, उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव  तहत हाल ही में  ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के पदाधिकारिों के चुनाव संपन्न हुए हैं। इन पंचायतों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की कुल संख्या 826458 है। जिसमें 75 जिला पंचायत 822 क्षेत्र पंचायत  और 58791 ग्राम पंचायत के  निर्वाचित प्रतिनिधि सदस्य  है। इन चुने हुए प्रतिनिधियों में  अधिकतर सदस्य को इन स्थानीय  संस्थानों के कामकाज में उनकी अपने अधिकार, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों...

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हिरासत में मौत के मामलों में यूपी नंबर 1, पिछले 3 साल में 1318 लोगों की हुई मौत

-इंडियास्पेंड, 'यूपी नंबर 1', हाल के दिनों यह लाइन और इससे जुड़े पोस्‍टर-विज्ञापन बहुतायत में देखने को मिल रहे हैं। उत्‍तर प्रदेश के अलग-अलग पहलुओं पर नंबर वन होने की कहानियां इसमें बताई जाती हैं, लेकिन इन कहानियों के इतर प्रदेश कुछ ऐसे मामलों में भी नंबर वन है जिनका जिक्र नहीं होता, जैसे - हिरासत में मौत के मामलों में उत्‍तर प्रदेश नंबर वन है। इसी 27 जुलाई को लोकसभा में...

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कोविड-19 संक्रमण के बीते एक दिन में 39,070 नए मामले और 491 मरीज़ों की मौत

-द वायर, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 39,070 नए मामले सामने आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 3,19,34,455 हो गए, जबकि 491 और लोगों के जान गंवाने से मृतक संख्या 4,27,862 हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 4,06,822 हुई, जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.27 प्रतिशत है. कोरोना वायरस से...

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COVID-19 की पहली लहर के दौरान ग्रामीण बिहार में अधिकांश परिवारों को आजीविका संकट का सामना करना पड़ा!

मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में सेंटर फॉर डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स एंड सस्टेनेबिलिटी के अर्थशास्त्रियों और नई दिल्ली स्थित मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण आधारित शोध के अनुसार, महामारी की पहली लहर ने पिछले साल बिहार में ग्रामीण श्रमिकों (स्व-रोजगार सहित) की आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव डाला था. अध्ययन के लेखकों द्वारा जारी एक हालिया प्रेसनोट से पता चलता है कि पिछले साल ग्रामीण बिहार में आजीविका...

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