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ऐसे तो नहीं रुकेंगी किसानों की आत्महत्याएं -- के सी त्यागी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014-2015 के दौरान आत्महत्या के मामलों में 42 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में 5,650 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई थी, जो वर्ष 2015 में बढ़कर 8,007 तक पहुंच गई। तस्वीर इतनी भयानक तब है, जब इस श्रेणी से कृषि मजदूरों द्वारा की गई आत्महत्या की संख्या बाहर रखी गई है। वर्ष 2014 में कुल 6,710...

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नई रिपोर्ट का नया नुस्खा- ऐसे बढ़ेगी किसानों की आमदनी..

खेत को पट्टे पर देने के पुराने नियम-कानून बदलिए और देश के ज्यादातर किसान-परिवारों को आमदनी अठन्नी-खर्चा रुपया की हालत से उबारिए. यह सुझाव दिया गया है कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक हालिया रिपोर्ट में.(देखें नीचे की लिंक)   देश की जीडीपी में कृषि के घटते योगदान और घाटे का सौदा मानकर खेती छोड़ते किसानों की समस्या के समाधान के लिए रिपोर्ट में एनडीए सरकार के मॉडल लैंड लीजिंग एक्ट-2016 के...

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झारखंड: नरेगा मजदूरों की गुहार, हमें बचाइए सरकार!

मनरेगा के दस साल पूरे होने पर उसकी कामयाबियों को केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय गर्व का विषय बताया था लेकिन भाजपा के राज वाले झारखंड में उल्टा होता दिख रहा है.   मामला झारखंड के लातेहर जिले के मणिका प्रखंड में सक्रिय मनरेगा मजदूरों के संगठन ग्राम स्वराज मजदूर संघ(जीएसएमएस) के सदस्यों के उत्पीड़न का है.   इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज को हासिल एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया...

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बाल श्रम, सरकार और समाज-- सुशील कुमार सिंह

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) संशोधन विधेयक-2012 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। संभव है कि आने वाले शीत सत्र में इसे संसद के समक्ष पेश किया जाएगा। यह बदलाव 1986 के कानून को न केवल परिमार्जित करने से संबंधित है, बल्कि चौदह से अठारह वर्ष की उम्र के किशोरों के काम को लेकर नई परिभाषा भी गढ़ी जा रही है।...

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स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल से अब भी कोसो दूर हैं ग्रामीण परिवार

केवल 15 फीसद ग्रामीण परिवार ही रसोई के लिए एलपीजी का इस्तेमाल करते हैं जबकि शहरों में दो तिहाई परिवार स्वच्छ ईंधन माने जाने वाले इस रसोईगैस के उपयोग करते हैं.   नेशनल सैंपल सर्वे के 68वें दौर की गणना पर आधारित रिपोर्ट के तथ्य संकेत करते हैं स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल में शहर और गांव तथा जातिगत-वर्गगत भेद मौजूद है.(देखें नीचे दी गई लिंक)   रिपोर्ट के अनुसार दो तिहाई ग्रामीण परिवार...

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