-जनपथ, गोवा में गणपति विसर्जन की छुट्टियों के बीच वह एक ऊंघती हुई दोपहर थी। प्रवासी मज़दूरों के बीच काम करने वाली संस्था ‘दिशा फाउंडेशन’ के कुछ साथियों के साथ मैं एक थोक मछली बाज़ार में खड़ा था। बाज़ार बंद था। इलेक्ट्रॉनिक तराजुओं की लाल बत्तियां गुल थीं। मछलियाँ नहीं आयी थीं। ग्राहक ग़ायब थे। मालिक नदारद। अलबत्ता उनके मुलाज़िम मोबाइल की नशीली दुनिया में खोये हुए थे। तभी किसी के...
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नमामि गंगे परियोजना के काम में मैला ढोने से हुई मौत लेकिन न मिला मुआवजा, न हुआ मामला दर्ज
-कारवां, इस साल मई में पटना के बेउर इलाके में केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना में काम करते हुए दो मजदूरों की गटर में घुसने के बाद मौत हो गई. वहां काम करने वाले तीन मजदूरों के मुताबिक उन्हें आवश्यक बचाव उपकरणों के बिना ही गटर में घुसने को कहा गया था. एक मजदूर ने मुझे बताया कि लार्सन एंड टुब्रो, जिसके पास बेउर साइट का ठेका है, के इंजीनियर ने...
More »नदियों के संरक्षण के लिए ज़रूरी धन के प्रवाह में अब भी बड़ी बाधाएं
-न्यूजक्लिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अक्सर नदियों के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रचार-प्रसार करती रहती है। कई बार सरकार गंगा को बचाने को अपनी मुख्य प्राथमिकताओं में बता चुकी है। लेकिन क्या नदियों को बचाने का यह दावा सरकार द्वारा धन के आवंटन की मंशा से मेल खाता है? चलिए प्रतिनिधिक योजना नमामि गंगे और इसमें हुए आवंटन को देखते हैं। बीजेपी सरकार द्वारा बहुत जोर-शोर से...
More »नागपुर पुलिस के अचानक रेड लाइट एरिया बंद कर देने से सेक्स वर्कर्स पर आजीविका का संकट
-द वायर, नागपुर शहर के बीचों-बीच 250 साल पहले बने रेड लाइट एरिया ‘गंगा-जमुना’ की ओर जाने वाले 16 रास्तों में से 15 को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया है. हर एंट्री पॉइंट पर कम से कम तीन पुलिसकर्मी और सीसीटीवी कैमरे से लैस एक पुलिस वैन दिन-रात चौकसी करते देखे जा सकते हैं. इस तीन एकड़ क्षेत्र में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144, जिसका अर्थ...
More »देश की इकलौती कछुआ सेंचुरी हुई शिफ्ट
-इंडिया वाटर पोर्टल, कभी देश की इकलौती कछुआ सेंचुरी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी में स्थित थी। लेकिन मार्च 2020 में उसे डिनोटिफाई कर गंगा नदी में ही प्रयागराज के कोठारी गांव में मिर्जापुर और भदोही के 30 किलोमीटर के दायरे में शिफ्ट किया गया है। यानी गंगा एक्शन प्लान के तहत 1989 में चिन्हित की गई सेंचुरी का वाराणसी में कोई वजूद नही है वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक...
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