नवंबर, 2014 के बाद पहली बार इस साल मई में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गयी थी. आंकड़े इंगित करते हैं कि अमेरिका, जापान और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन कर रही है. इस कारण तेल की मांग बढ़ रही है. फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर के आसपास है. इसका दूसरा पहलू यह है कि आपूर्ति को नियंत्रित...
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अभी और बढ़ेंगे तेल के दाम-- सौरभ चंद्र
लगातार बढ़ रहे डीजल तथा पेट्रोल के दाम एक बार फिर सुर्खियों में हैं। आम जनता चिंतित भी है और परेशान भी। आखिर इस वृद्धि की वजह क्या है? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए उपभोक्ताओं द्वारा पंपों पर भुगतान किए जाने वाले मूल्यों का विश्लेषण आवश्यक है। असल में, देश की बड़ी तेल-विक्रय कंपनियां तेल-शोधन और शोधित पदार्थों का विक्रय, दोनों काम करती हैं। शोधन कारखानों यानी रिफाइनरी...
More »'अर्बन नक्सल' कौन है, कहां है-- रविभूषण
'अर्बन नक्सल' एक गढ़ा हुआ राजनीतिक पद है. इसका अर्थ उन शहरी पत्रकारों, कवियों, लेखकों, बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संस्कृतिकर्मियों से है, जो नक्सलवाद, माओवाद के समर्थक हैं. इस पद की वास्तविकता और इसके पीछे सत्ता-व्यवस्था और सरकारों की नीतियों पर इसके साथ कम विचार किया गया है. फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की पुस्तक 'अर्बन नक्सल्स : द मेकिंग ऑफ बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम' (अंग्रेजी में गरुण प्रकाशन से...
More »आर्थिक संतुलन साधने की कोशिश - सुषमा रामचंद्रन
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दर में इजाफा करते हुए अर्थव्यवस्था के उन अहम तत्वों को लेकर चिंताओं को रेखांकित किया है, जिनके कारण महंगाई बढ़ रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से ब्याज दरों में गिरावट का दौर चल रहा था। लेकिन अब रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा की पिछली लगातार दो बैठकों के बाद ब्याज दरें बढ़ाने का एलान किया। पहले...
More »तेल के अर्थशास्त्र में उलझा देश-- दीपक नैय्यर
पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें इन दिनों खबरों में हैं। मई के दूसरे पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य लगातार 16 बार बढ़े। 28 मई को तो ये पिछले चार वर्षों के सबसे ऊंचे स्तर पर जा पहुंचे थे। हालांकि 29 मई को प्रति लीटर एक पैसे की कमी की गई थी, जिसे मजाक ही कहा जा सकता है। इसके बाद 5 जून तक हर दिन इसकी कीमतें कुछ-कुछ...
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