SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 314

लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक

-न्यूजक्लिक, जब कभी भी लोकतंत्र का अपने घर में घेराव होता है, लोकतंत्र के हिमायती, उससे प्रेम करने वाले लोग नैतिक समर्थन पाने के लिए अपनी परिधि के पार देखने लगते हैं। अभी-अभी विश्व सूचकांक में स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट जारी हुई है, और इसलिए कोई हैरत नहीं कि इसने भारत में लोकतंत्र को चाहने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह विश्व सूचकांक अमेरिका की 80...

More »

किसी को फ़र्ज़ी केस में फंसाकर उसकी ज़िंदगी ख़राब कर देना इतना आसान क्यों है

-द वायर, ‘कोई न कोई जरूर जोसेफ के के बारे में झूठी सूचनाएं दे रहा होगा, वह जानता था कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है लेकिन एक अलसुबह उसे गिरफ्तार किया गया.’ (Someone must have been telling lies about Joseph K, he knew he had done nothing wrong but one morning, he was arrested) बहुचर्चित उपन्यासकार फ्रांज काफ्का के उपन्यास ‘द ट्रायल ’ (The Trial) की यह शुरुआती पंक्ति, जो लगभग...

More »

कोरोना वैक्सीनः कैसे और कितनी तेज़ी से मिल रहा है टीका

-बीबीसी, कोविड-19 के वैक्सीनेशन को लेकर ज़्यादातर लोगों के ज़हन में आजकल एक ही सवाल है? आखिर, टीका लगवाने की मेरी बारी कब आएगी. सवाल लाज़िमी भी है क्योंकि कोविड-19 के ख़िलाफ़ वैक्सीनेशन पूरी दुनिया के लिए ज़िंदगी और मौत का सवाल बन चुका है. कुछ मुट्ठी भर देशों ने वैक्सीनेशन का एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित कर लिया है लेकिन बाकी दुनिया में इसे लेकर तस्वीर बहुत ज़्यादा साफ़ नहीं दिखती. हालाँकि वैक्सीनेशन...

More »

उत्तराखंड ग्लेशियर : आपदा आसन्न विपदा की चेतावनी

-आउटलुक, “चमोली की आपदा फिर हिमालय की पारि‌स्थितिकी पर सोचे-विचारे बिना बेरोकटोक परियोजनाओं पर फौरन पुनर्विचार का मौका दे गई” उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव की प्रसिद्घि 7 फरवरी के पहले उस गौरा देवी के लिए थी, जो तकरीबन तीन दशक पहले महिलाओं के जत्थे के साथ पेड़ काटने आए बंदूकधारी ठेकेदार के आदमियों को चुनौती दी थी और पेड़ों से चिपक कर उन्हें कटने से बचाया था। उनकी स्मृति...

More »

बजट का सबसे महत्वपूर्ण भाग जिसके बारे में कोई चर्चा नहीं है

-न्यूजलॉन्ड्री, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्र सरकार के वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी. तब तक आने वाले दिनों में मीडिया में ऐसे अनेक लेख होंगे जो वित्त मंत्री को बजट में क्या करना चाहिए, इस पर सलाह देते मिलेंगे. राजनेता, अर्थशास्त्री, विश्लेषक और पत्रकार सभी अपनी-अपनी समझ से महत्वपूर्ण कदम बताएंगे. इनमें से अनेक लेखों के साथ दिक्कत यह है कि लेखक बजट का मुख्य उद्देश्य भूलते...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close