मेरी ही तरह सरकारी स्कूल से पढ़े एक दोस्त ने स्कूल के दिनों का अनुभव साझा किया। वह जब बारहवीं कक्षा में था, तब पहली बार एक अध्यापक ने स्कूल से अंतिम कक्षा की पढ़ाई पूरी करके निकलने वाले विद्यार्थियों के लिए ‘फेयरवेल पार्टी' यानी विदाई समारोह आयोजित करने बात कही तो दूसरे अध्यापक ने उनके इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया और यह टिप्पणी की कि सरकारी...
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प्राथमिक शिक्षा की दुश्वारियां-- सुधीर कुमार
एनुअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिपोर्ट (‘असर'), ग्रामीण भारत के स्कूलों में बच्चों के नामांकन और उनकी शैक्षणिक प्रगति पर किया जाने वाला देश का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण है। स्वयंसेवी संस्था ‘प्रथम' के सहयोग से जिला स्तर पर स्थानीय संस्थाओं से जुड़े कार्यकर्ताओं के जरिए इस बार देश के चौबीस राज्यों के अट्ठाईस जिलों में चौदह से अठारह वर्ष के किशोरों के बीच कराए गए सर्वेक्षण की बारहवीं रिपोर्ट से...
More »बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी
भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...
More »आत्मनिर्भरता के लिए हो महिला रोजगार--- जयश्री सेनगुप्ता
आज युवा बेरोजगारी की बात तो लगभग हर कोई करता है लेकिन महिला रोजगार की बात बहुत कम लोग ही करते हैं। महिलाओं को काम के लिए प्रेरित करने के तो कई तरीके हैं। यह बात उनके अपने लिए भी बहुत फायदेमंद रहेगी और उनके परिवार के लिए भी। हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने ध्यान केंद्रित करने के लिए जिन 10 क्षेत्रों की रूपरेखा तय की...
More »एमपी: कैग की रिपोर्ट, साढ़े 14 लाख बच्चों ने बीच में ही छोड़ दी पढ़ाई
भोपाल। शैक्षणिक सत्र 2010 से 2016 के दौरान प्रदेश में 14 लाख 34 हजार बच्चों ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। ये खुलासा भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में हुआ है। इस मामले में मप्र देश के औसत से भी नीचे चला गया है। जबकि छत्तीसगढ़ और गुजरात की स्थिति प्रदेश से बेहतर है। ये रिपोर्ट गुरुवार को विधानसभा में प्रस्तुत की गई। प्रधान महालेखाकार सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र...
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