-इंडियास्पेंड, साल 1951 में पहली बार जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में महिलाओं को शामिल करने का फैसला लिया गया तो एक महिला थी, लगभग सात दशक बाद 2020 में महिलाओं की संख्या कुल आईएएस अधिकारियों का सिर्फ 13% है। अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी सेंटर फॉर पॉलिटिकल डेटा (टीसीपीडी) द्वारा संकलित भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी डेटासेट (Indian Administrative Service Officers Dataset) को लेकर किए गए विश्लेषण में इंडियास्पेंड ने पाया कि 1951...
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इंटरव्यू/ यूपीएससी टॉपर: “यकीन नहीं था कि टॉप करूंगा”
-आउटलुक, “कटिहार के शुभम कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2020 में कुल 761 सफल उम्मीदवारों में पहला स्थान प्राप्त किया है।” बिहार के छोटे से शहर कटिहार के शुभम कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2020 में कुल 761 सफल उम्मीदवारों में पहला स्थान प्राप्त किया है। बकौल शुभम, उन्हें सफलता की उम्मीद तो थी लेकिन रैंक वन मिली तो सहसा यकीन कर पाना मुश्किल था। बिहार से आइएएस-आइपीएस...
More »न्यूनतम मज़दूरी बढ़ने से रोजगार कम नहीं होता : जानिए इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल की कहानी
-न्यूजक्लिक, समाज के सबसे महत्वपूर्ण सवालों का जवाब बिना किसी छेड़छाड़ के अर्थशास्त्र कैसे दे? यही इस साल के अर्थशास्त्र में मिलने वाले नोबेल के रिसर्च का केंद्र बिंदु है। इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल डेविड कार्ड, जोशुआ एंग्रिस्त और गुइडो इम्बेंस को देने का ऐलान किया गया है। 65 साल के डेविड कार्ड मूल रूप से कनाडा के हैं और अभी अमेरिका के बर्कली में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।...
More »कोविड-19 महामारी में पढ़ाई पर न पड़े असर, सरकारी स्कूल के अध्यापक ने अपनी कार को बनाया 'शिक्षा रथ'
-गांव कनेक्शन, कोविड-19 के चलते स्कूल तो बंद हो गए, लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर पड़ेगा? संजय चौहाण से अगर यही सवाल पूछें तो उनका जवाब होगा नहीं, तभी तो वो हर दिन अपनी सफेद मारुति सुजुकी एर्टिगा कार लेकर अपनी मंजिल पर बच्चों को पढ़ाने पहुंच जाते हैं। संजय चौहाण धनपुर तहसील के पिपोदरा गाँव में रहते हैं, और हर दिन 12-15 किलोमीटर ड्राइव करके रूवाबाड़ी गांव...
More »दिल्ली के निजी स्कूलों में कम हो रहे नए दाख़िले, उनका ख़र्च नहीं उठा सकते कोविड प्रभावित परिवार
-द प्रिंट, 36 वर्षीय ममता देवी दक्षिणी दिल्ली के एक घर में काम करती है, जिसे अपने तीन बच्चों को पढ़ाना है, लेकिन सीमित साधनों के साथ. महामारी में उसकी स्थिति और बिगड़ गई है. सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले उसके पति की, पिछले एक साल में कई बार नौकरी छूटी, जिससे उनकी पारिवारिक आय, पहले के 1.5 लाख से घटकर, सिर्फ एक लाख से कुछ ज़्यादा पर आ गई. आय में...
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