-जनपथ, प्रस्तुत लेख पॉपुलर एजुकेशन एंड ऐक्शन सेंटर (पीस), दिल्ली द्वारा बीते वर्ष अक्टूबर में संवैधानिक मूल्यों पर शुरू की गयी एक फैलोशिप के तहत चलाए गए अभिमुखीकरण सत्र में दिए गए पहले ऑनलाइन व्याख्यान का संपादित रूप है। पीस के मुख्य कार्यकारी और प्रशिक्षक अनिल चौधरी ने सामाजिक-आर्थिक न्याय, पत्रकारिता और कला व संस्कृति के फैलोज़ को इस व्याख्यान में संबोधित किया था। संपादक गाँधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए...
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कोविड-19 की तीसरी लहरः कैसी है झारखंड की तैयारी, क्या है गांवों का हाल
-डाउन टू अर्थ, जर्मनी में रहनेवाली एक महिला के परिजन देवघर में रहते हैं। उनके पिता बीते 6 जनवरी को कोविड पॉजिटिव पाए गए उन्हें हार्ट से संबंधित बीमारी भी थी। स्थानीय डॉक्टर ने कहा कि आप रांची में किसी आइसोलेशऩ सेंटर में चले जाइए, ताकि जरूरत होने पर बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन उन्हें इस सुविधा की जानकारी नहीं मिल सकी। हालांकि रांची के डोरंडा में आइसोलेशन सेंटर सेंटर है। इसके...
More »लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में यूपी पुलिस ने 7 किसानों को किया गिरफ्तार
-गांव सवेरा, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में बीते साल तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या मामले में यूपी पुलिस किसानों के खिलाफ दर्ज हत्या के मामले में एसआईटी अब तक कुल सात किसानों को गिरफ्तार कर चुकी है. अभी हाल ही में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दो किसानों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी...
More »भिवानी: अवैध खनन के चलते तोशाम में पहाड़ खिसकने से तीन मजदूरों की मौत, कई दबे
-गांव सवेरा, भिवानी के तोशाम खनन क्षेत्र में 1 जनवरी को डाडम पहाड़ के पिट नंबर 37-38 में भारी हादसा हुआ, जिसमें पहाड़ के दरकने की वजह से 10 से अधिक मजदूरों के दबे होने की सूचना मिल रही है. हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें हिसार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मृतक छत्तीसगढ़, राजस्थान...
More »मारिया रेसा : 'आप सत्य के लिए क्या बलिदान कर सकते हैं?'
-न्यूजलॉन्ड्री, सम्माननीय महाराज, राज परिवार के सदस्य, नॉर्वे की नोबेल कमेटी के सम्मानीय सदस्य, मौजूद महामहिम और सम्माननीय अतिथि गण. मैं आपके सामने दुनिया के हर पत्रकार की प्रतिनिधि बनकर खड़ी हूं जिसे डटे रहने, अपने मूल्यों और अभियान के प्रति ईमानदार रहने के लिए बहुत कुछ बलिदान करना पड़ता है. ताकि हम सत्ता की जवाबदेही तय कर सकें और आप तक सच ला सकें. मुझे याद है जमाल खशोगी का क्रूरता...
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