जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
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बोल मेरी पत्ती, कितने फल- वीरेन पराशर
बागबानी का राज पत्ती में छिपा है। अब एक पत्ती का परीक्षण बता देगा कि फसल कैसी होगी। बागबान फलदार पौधे की पत्ती के सहारे अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं। एक छोटे से परीक्षण से पौधे फलों से लदे मिलेंगे। उद्यान विभाग की इस सुविधा का लाभ लेने का यह उचित समय है। इसकी प्रक्रिया बेहद सरल है। परंपरागत तरीके में बदलाव कर बागवानों के लिए यह...
More »कृषि मंत्री के गृह जिले दमोह के किसान ने किया आत्मदाह
दमोह. प्रदेश के दमोह जिले में मौसम की मार,इल्ली से फसलें चौपट होने और नकली खाद-बीज के कारण किसान आत्महत्याएं करने को मजबूर हैं। किसान कर्ज लेकर खेती के लिए खाद और बीज खरीदते हैं, लेकिन नकली खाद और बीज किसानों की अच्छी फसल की उम्मीदों पर बुरी तरह कहर ढा रहे हैं। इल्लियों के प्रकोप और मौसम की मार से बर्बाद हुई फसलों के बाद कर्ज में डूबे एक किसान...
More »मौसम में उतार-चढ़ाव से फसलों को नुकसान
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : मौसम के मिजाज में चल रहे उतार-चढ़ाव की मार अब चने की फसल पर पड़ने लग गई है। चने की अगेती और मटर की पछेती फसल में फली छेदक कीट का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसका सीधा असर चने के उत्पादन पर पड़ेगा। कृषि विशेषज्ञों की राय में यह फली छेदक कीट का शुरुआती दौर है, अभी से बचाव किया गया तो फसल में होने वाले नुकसान को कम...
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