SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 6625

सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच से कैसे रोहिंग्या शरणार्थी प्रभावित हो रहे हैं?

इंडियास्पेंड, 22 फरवरी अपनी चेकदार लूंगी का एक हिस्सा मोड़कर पड़ोस के अस्थायी तंबू के पास पैर फैलाकर बैठे हैं और अपने अंगूठे पर लगे खुले घाव पर मक्खियों को बैठने से रोक रहे हैं। यह अगस्त की सुबह है और हम बेंगलुरू में हैं। वसीम कचरा बीनने का कार्य करते हैं। जहां वह बैठे हैं वह खुली जगह है और वहां से लगातार वाहनें गुजर रही हैं, जिससे उनको ठंड भी...

More »

तमिलनाडु में चक्रवात ओखी के छह साल बाद भी मानसिक स्वास्थ्य से जूझते लोग

मोंगाबे हिंदी, 19 फरवरी  30 नवंबर, 2017 का दिन था, भारत के दक्षिणी छोर पर तटीय जिले कन्याकुमारी के गहरे समुद्र के मछुआरों ने खुद को एक बहुत ही खतरनाक चक्रवाती तूफान में फंसा पाया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक दिन पहले यानी 29 नवंबर, 2017 को भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी कर दी थी। मछली पकड़ने वाले समुदाय को दोपहर 2:30 बजे के आसपास ‘समुद्र में...

More »

भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं पर सवालिया निशान लगातीं नई कोयला खदानें

द थर्ड पोल, 19 फरवरी भारत के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 9 दिसंबर को कॉप-28 के दौरान, उत्सर्जन कटौती में देश की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पेरिस समझौते के प्रति देश के “भरोसे और विश्वास” की पुष्टि की। लेकिन यह घोषणा महज तीन दिन पहले की गई एक अन्य घोषणा के उलट दिखाई देती है, जब कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि भारत, जीवाश्म...

More »

एमएसपी की कानूनी गारंटी- खाद्य सुरक्षा और किसान की जीवन रेखा

 डाउन टू अर्थ, 19 फरवरी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनुशंसा केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि उपज के लिए न्यूनतम लाभकारी मूल्य दिलाना, बाजार में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। एमएसपी की शुरुआत 1966-67 में की गई थी, जब भारत में खाद्य पदार्थों की भारी कमी थी। तब सरकार ने घरेलू खाद्यान्न...

More »

क्या राजकोषीय संघवाद की गाड़ी हिचकोले खा रही है ?

समाचार माध्यमों से लेकर राजनीतिक गलियारों तक ‘राजकोषीय संघवाद’ का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024–25 ने इस चर्चा को और बढ़ावा दिया है। आँकड़े बता रहे हैं कि वितरण योग्य राशि (डिविजबल पूल) के आकार में कमी आ रही है। पिछले कई वर्षों से वित्त आयोगों की सिफारिशों को नज़रन्दाज किया जा रहा है। इस लेख में ‘राजकोषीय संघवाद’...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close