प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...
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खाद्य सुरक्षा मुद्दे पर भारत अपने रुख पर अडिग
नई दिल्ली। खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अपना रुख नरम करने के मूड में नहीं है। अपनी इस राय से सरकार ने अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के नेतृत्व में भारत के दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल को भी अवगत करा दिया है। फिलहाल, अमेरिका ने इस मुद्दे पर बीच का रास्ता निकलने की संभावना भी जताई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और जॉन केरी के बीच...
More »स्विस बैंकों के कुल धन में भारतीयों का सिर्फ 0.07%
जिनेवाः भारत में कालेधन पर जारी बहस के बीच स्विस बैंक के अधिकारियों ने कहा कि स्विटजरलैंड के बैंकों में रखे गये विदेशी नागरिकों के कुल धन में भारतीय नागरिकों का हिस्सा बहुत कम है और यह महज 0.07 प्रतिशत है. स्विटजरलैंड के केंद्रीय बैंक स्विस नेशनल बैंक एसएनबी के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2010 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों की कुल जमा राशि 2.5...
More »वैश्विक खाद्यान्न उत्पादन- मौजूदा हालात
एफएओ का कहना है कि साल 2010-2011 में अनाज के उत्पादन में रिकार्ड बढ़त( 2279.5 ) होने की संभावना है लेकिन बुरी खबर यह है कि सूखे की मार झेल रहे रूस में इस साल गेहूं के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन एक करोड़ ३० लाख टन कमी आने की आशंका है। साल 2008-09 में रूस में 63.7 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जबकि इस साल आशंका है...
More »सतत् विकास लक्ष्य
प्रिय पाठक, नॉलेज गेटवे में आपका स्वागत है।अब अगर आपका सवाल है कि ये नॉलेज गेटवे है क्या? तो हमारा जवाब होगा कि दरअसल हम एक भंडारगृह बना रहे हैं; सूचनाओं का भंडारगृह। यहाँ आपकी भेंट किसी ‘खास विषय’ से जुड़ी ज़रूरी सूचनाओं से हो जाएगी। आपकी सहूलियत के लिए हमने नॉलेज गेटवे को कई खण्डों–उपखण्डों में बाँटा है। ये ‘सतत् विकास लक्ष्य’ नामक उपखंड है। खास बातें— पहले वैश्विक युद्ध के कारण मची...
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