सूचना के अधिकार कानून के घेरे में राजनीतिक पार्टियों को लाने के केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले को पलटने के लिए यूपीए सरकार इस कानून में संशोधन का विधेयक लाने जा रही है। सरकार के इस कदम की जनता में व्यापक आलोचना जारी है और लोग इस सरकारी पहल के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। (इस मसले को विस्तार से जानने के लिए कृपया नीचे दी गई लिंक को चटकायें)...
More »SEARCH RESULT
'जनशक्ति को धनशक्ति के हाथों हाईजैक होने से रोकने के लिए बंद हो कारपोरेट फंडिंग'
नागपुर। माकपा नेता सांसद डा. सीताराम येचुरी ने कहा कि जनशक्ति को धनशक्ति के हाथों हाईजैक होने से रोकने के लिए राजनीतिक पार्टियों को मिलनेवाला कारपोरेट चंदा बंद होना चाहिए। चंदे को टैक्स फ्री करना चिंताजनक है। कारपोरेट फंडिंग सीधे सिस्टम को होनी चाहिए। आज महज 55 लोगों के हाथों देश की अर्थ व्यवस्था है। सामाजिक संगठन जनमंच की ओर से नागपुर विद्यापीठ के दीक्षांत सभागृह में आयोजित स्व. न्या. अशोक देसाई स्मृति...
More »राडिया की रामकहानी- शांतनु गुहा रे
लॉबीइंग की दुनिया में बड़ी खिलाड़ी और कई रहस्यों के आवरण में लिपटी नीरा राडिया के सफरनामे पर शांतनु गुहा रे की रिपोर्ट अरबों रु के संचार घोटाले से घिरी लॉबीइस्ट नीरा राडिया ने पिछले दिनों अपने जन्मदिन पर दक्षिण दिल्ली में एक मंदिर का उद्घाटन किया. इस कृष्ण मंदिर को बनवाने के लिए दान भी उन्होंने ही दिया था. इस मौके पर मौजूद रहे लोग बताते हैं कि राडिया ने...
More »पीपीपी से सावधान -योगेश दीवान
भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...
More »बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ
कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...
More »