गरीबी पर योजना आयोग के ताजा आंकड़ों ने थाली की कीमत को बहस के केंद्र में ला दिया है. देशभर में चल रही इस गरमागरम बहस के बीच हमने खोज की उस थाली की जिसे किसी शहर की भूख मिटाने वाला कहा जा सकता है. प्रचलित अर्थो में इस थाली को भले ही दोपहर का खाना न कहा जाये, लेकिन आज ये किसी शहर की पहचान से जुड़ गयी हैं....
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अवैध कालोनियों में रहने वाले लोग मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का आवास घेरने की तैयारी में
जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी की झुग्गी-बस्तियों, गांव, अनधिकृत नियमित कालोनियों और पुनर्वास कालोनियों में रहने वाले लाखों लोगों की मांगों को लेकर छह जनवरी को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सरकारी आवास पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होंगे। और सरकार को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए चेताएंगे। दिल्ली विकास मोर्चा के बैनर तले होने वाली इस रैली की कमान पूर्व विधायक और मोर्चा के अध्यक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी...
More »प्रतिरोध का कारवां- भारत डोगरा
जनसत्ता 7 नवंबर, 2012: यूपीए सरकार ने जिस तरह खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश को आगे बढ़ाने की जिद पकड़ी है उसकी ठीक ही व्यापक आलोचना हुई है। कोई ठोस प्रमाण दिए बिना ही सरकार ने कह दिया कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। कुछ समय के लिए खुदरा में बहुराष्टÑीय कंपनियों का प्रवेश जरूर चकाचौंध उत्पन्न कर सकता है, पर शीघ्र ही यह स्पष्ट...
More »गायब हो गई गरीबी के सरकारी आंकड़ो की पोल खोलने वाली रिपोर्ट
क्या आपको अर्जुन सेनगुप्ता समिति की रिपोर्ट की याद है? यही थी वह रिपोर्ट जिसने सरकार के गरीबी के आंकड़ों को झुठलाते हुए कहा कि तकरीबन 80% भारतीय रोजना 20 रुपये से भी कम की आमदनी में गुजारा करने को बाध्य हैं।नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर के नाम से जानी गई यह रिपोर्ट अब सूचनाओं के सार्वजनिक जनपद से गायब है। नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर की वेबसाइट अब...
More »‘गन्ने का रस बेचने वालों के लिए लाइसेंस जरूरी हो’
जनसत्ता संवाददाता नई दिल्ली, 29 जून। बिना लाइसेंस के गन्ने का रस बेचने वाले रेहड़ी पटरी वालों के चालान काटने वाले स्वास्थ्य निरीक्षक कहते हैं कि उन्हें आयुक्त ने सौ चालान काटने का फरमान जारी किया है। वे फाईल चार्ज के नाम पर ढाई हजार रुपए अलग से लेते हैं। इस गोरखधंधे के पीछे कौन लोग हैं जो दुकानदारों की एक नहीं सुनते? यह बात पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थाई...
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