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कोरोना और लॉकडाउन से पैसों की तंगी थी, दिव्यांग मां-बाप अपनी बच्ची बेचने चल दिए!

-लल्लनटॉप, कोरोना वायरस ने लोगों के फेफड़ों के साथ पेट पर भी हमला किया है. रोज़मर्रा के कामकाज पर असर पड़ने से रोज़ी-रोटी की दिक्कतें हैं. इसी बीच आंध्र प्रदेश से एक मामला सामने आया है. यहां के अनंतपुरम ज़िले में दिव्यांग पति-पत्नी ने अपनी 8 महीने की बच्ची को बेचने की कोशिश की. ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ये रोड्डम मंडल के बुचेरल्ला गांव का वाकया है. बच्ची को बेचने...

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टिड्डे: दुनिया भर में फ़सल चट कर रहे झुंडों की बारीक़ी से पड़ताल

-बीबीसी, रेगिस्तानी टिड्डों के विशाल हुजूम पूर्वी अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व में क़हर बरपा रहे हैं. टिड्डों के विशाल झुंड से फ़सलों को ख़तरा है, लोगों की रोज़ी रोटी को ख़तरा है और खाने पीने की आपूर्ति को नुक़सान पहुंचने का डर है. दुनिया के एक बड़े हिस्से पर टिड्डों का ये हमला पिछले कई दशकों में सबसे बड़ा बताया जा रहा है. लेकिन, जानकारों ने चेतावनी दी है कि...

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‘आत्मनिर्भर भारत’: सरकार द्वारा जनता की जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने का बहाना?

-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के कारण एक ओर देश की सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भरता की घोषणा के द्वारा जनता के प्रति कई जवाबदेहियों से अपने को मुक्त कर लिया है जिसके चलते सभी क्षेत्रों में घोर निराशा का वातावरण छाया हुआ है. आर्थिक मोर्चे पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले तथा...

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गरीबों की फिक्र करो

-आउटलुक, महज कुछ महीनों में ही कोविड-19 की महामारी ने समूची दुनिया में उथल-पुथल ला दी। दुनिया भर की सरकारें इस पर काबू पाने मे जुटी हुई हैं। इस संकट में बेरोजगारी बढ़ी है और खाने-पीने और आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी बाधित हुई। पूरी दुनिया पर आर्थिक मंदी के बादल मंडरा रहे हैं।  ऐसी परिस्थिति में लोगों का निराश होना स्वाभाविक है। फिर भी यह वक्त मानव जीवन-शैली पर चिंतन...

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महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?

-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...

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