त्रैमासिक राष्ट्रीय आय पर 31 अगस्त को जारी आधिकारिक आंकड़े में बताया गया कि अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान देश के जीडीपी की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही. यह वृद्धि 7.5 अथवा 7.6 प्रतिशत की उम्मीद से ही नहीं, बल्कि 8 प्रतिशत के एक मनोवैज्ञानिक स्तर से भी स्पष्टतः अधिक थी, जो पिछली नौ तिमाहियों में सर्वाधिक होने की वजह से आर्थिक मोर्चे पर एक खुशखबरी है. पिछले...
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भारत बना रहेगा सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली। चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने हालिया रिपोर्ट में यह बात कही है। एडीबी की ओर से जारी एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (एडीओ) के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 में भारत की आर्थिक विकास दर क्रमशः 7.3 फीसद और 7.6 फीसद रहने का अनुमान है। एडीबी के मुताबिक, बैंकिंग व्यवस्था में सुधार के कदम,...
More »तेल पर निर्भरता घटाने का वक्त - डॉ. जयंतीलाल भंडारी
भारत ने देर से ही सही, तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक पर कच्चे तेल की कीमतों में कटौती के लिए दबाव डालते हुए उचित कदम उठाया है। यद्यपि 1 जुलाई से ओपेक ने कच्चे तेल के उत्पादन में लगभग 10 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) की बढ़ोतरी की है, लेकिन हकीकत यह है कि कीमतें अब भी कम नहीं हो पाई हैं। नि:संदेह बीते कुछ वक्त से तेल की लगातार...
More »नोटबंदी और GST दोनों जल्दबाजी भरे कदम : रघुराम राजन
न्यूयॉर्क। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत सरकार द्वारा नवंबर, 2016 में नोटबंदी और पिछले वर्ष लागू किए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के फैसलों को जल्दबाजी भरा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पहले आरबीआइ के गवर्नर के तौर पर उन्होंने सरकार को राय दी थी कि यह अच्छा विचार नहीं था। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि नोटबंदी का...
More »जन-आंदोलनों का विचार-- अनुज लुगुन
साल 1930 में मार्च महीने की 12 तारीख थी. जैसे हर रोज सूरज निकलता है, वैसे ही उस दिन भी सूरज निकलनेवाला था, फिर भी उन लोगों को सूरज के उगने की प्रतीक्षा थी. यद्यपि उन्हें मालूम था कि वे सरकार के विरुद्ध कदम उठा रहे हैं और उसका परिणाम यातनामयी होगा, लेकिन सबने प्रण कर लिया था कि यदि कदम नहीं बढ़े, यदि आवाज नहीं उठी, तो उनके जीवन...
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