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महामारी के दौर में वैज्ञानिक दृष्टिकोण

-न्यूजलॉन्ड्री, रूपक हमें किसी भी बोध के लिए विशेषण सुझाते हैं. भारत बमुश्किल अभी भिखारियों, सपेरों, और राजाओं के देश के रूपक की केंचुली उतार ही पाया था, कि अब वो ताली, थाली और दिए से एक वायरस से लड़ने की सोचने वाले देश के रूपक में जकड़ गया. भारत की तमाम वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियां उस प्रतिछवि से ग्रस्त हो जाती हैं, गो-कोरोना-गो के चिल्लाने, और गोमूत्र एवं गोबर के...

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फरवरी-मार्च में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में हो रही थी वृद्धि लेकिन टास्कफोर्स ने नहीं की बैठक

-कारवां, भले ही भारत महामारी की सबसे बुरी मार झेल रहा है लेकिन कोविड-19 के लिए बनाए गए राष्ट्रीय वैज्ञानिक कार्यबल या टास्कफोर्स ने फरवरी और मार्च में एक भी बैठक नहीं की. टास्कफोर्स का काम महामारी की रोकथाम के प्रयासों पर केंद्र सरकार को सलाह देना है. राष्ट्रीय वैज्ञानिक टास्कफोर्स के दो सदस्यों, जो देश के प्रमुख वैज्ञानिकों में से हैं, और इसी टास्कफोर्स की उप समिति के एक सदस्य ने...

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नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा पाने में विफलता अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: पटना हाईकोर्ट

-द वायर, बिहार में कोविड मामलों की वर्तमान वृद्धि को रोकने के लिए राज्य सरकार की किसी भी व्यापक कार्य योजना के अभाव पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को बिहार मानवाधिकार आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की. लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस सीएस सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की एक खंडपीठ ने कहा कि विशेष रूप से एक महामारी के बीच में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के...

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नई ILO रिपोर्ट: टेक्नोलॉजी आधारित नए डिजिटल श्रम प्लेटफार्म श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी कर रहे हैं!

वेबआधारित और प्लेटफॉर्म श्रमिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं हम में से हर एक के जीवन को प्रभावित करती हैं, लेकिन श्रम क्षेत्र को बदलने में डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों की भूमिका के बारे में ऐसी जानकारियां बहुत कम है. ऐसे डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों ने श्रमिकों, व्यवसायों और समाज के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा किए हैं. हालांकि, ये डिजिटल प्लेटफॉर्म उचित काम और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए गंभीर खतरे भी पैदा...

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सुप्रीम कोर्ट: लॉकडाउन की वजह से लोन चुकाने पर मिली छह माह की छूट नहीं बढ़ेगी

-बीबीसी, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल लगे लॉकडाउन के चलते लोन की मासिक किस्त चुकाने से दी गई राहत (मोरेटोरियम की अवधि) को छह महीने से ज़्यादा बढ़ाने से इनकार कर दिया है. अदालत ने हालांकि यह ज़रूर कहा है कि इस दौरान लोगों को उनके लोन पर कोई चक्रवृद्धि ब्याज नहीं देना होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने मंगलवार को दिए अपने फ़ैसले में लोन लेने वालों को किसी और तरह...

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