आज हमारा गणतंत्र 66 साल का हो गया। लंबी गुलामी के बाद संघर्ष से मिली आजादी में गणतंत्र का यह सफर आसान हरगिज नहीं रहा। आजादी के साथ ही आयी विभाजन की विभीषिका से उबर कर भारत ने गणतंत्र की राह सोच-समझ कर ही चुनी थी। फिर भी अगर सफर आसान और परिणाम वांछित नहीं रहे, तो कारण विरासत में मिली जटिलताओं के साथ ही नीति-निर्धारण में दोष का भी...
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पंचायतों में सुधार का आधार-- गौरव कुमार
गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान को अनिवार्य करने संबंधी कानून के बाद अब राजस्थान सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए एक नया कदम उठाया है। राजस्थान सरकार ने पिछले दिनों एक अध्यादेश जारी कर पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी। इसके अनुसार सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास और अधिसूचित क्षेत्र के उम्मीदवार के लिए पांचवीं पास होना जरूरी...
More »फंदे में फांसी- विशेष प्रस्तुति(प्रभात खबर)
फांसी की सजा को खत्म करने पर एक बहस दुनियाभर में सालों से चल रही है. भारत में भी मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी दिये जाने से पहले 291 प्रतिष्ठित लोगों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख कर फांसी रोकने की मांग की थी. भारत उन देशों में शामिल है, जहां फांसी की सजा पर अमल नहीं के बराबर हो रहा है. हालांकि जघन्यतम अपराध के दोषियों में...
More »गांधी के बाद महानतम भारतीय- उदितराज
कुछ लोग अपने जीवन में प्रसिद्धि प्राप्त कर लेते हैं, तो कुछ लोग मरणोपरांत। डॉ. भीमराव अंबेडकर अपने जीवन में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हो पाए, पर धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता ही चला गया है। विगत दौर में महापुरुषों के अमर होने की अवधि भले बहुत लंबी रही हो, पर भविष्य में मूल्यांकन काम और विचार के आधार पर ही होने वाला है। संचार की दुनिया में क्रांति आने के...
More »दिल्ली में हो सकती है एक नये किस्म के बजट की शुरुआत..
दिल्ली की नव-निर्वाचित आम आदमी पार्टी की सरकार ने वित्त-वर्ष 2015-16 के लिए नागरिक केंद्रित एक ऐसा बजट बना सकती है जिसे मोहल्ला स्तर पर लागू किया जा सकेगा। ब्राजील के शहर पोर्तो अलेगे में नगरपालिका स्तर पर संचालित भागीदारी आधारित बजटिंग की सफलता से प्रेरणा लेते हुए दिल्ली की नई सरकार ने कुछेक निर्वाचन क्षेत्रों में इसे प्रायोगिक आधार पर लागू करने की बात कही है। गौरतलब है कि 2015...
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