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खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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ओडिशा: स्कूलों में पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया, विपक्ष ने कहा- पाबंदी अनुचित

द वायर, 12 जुलाई  राज्य के ढेंकनाल और केंद्रपाड़ा ज़िले के शिक्षा अधिकारियों ने निर्देश दिया था कि वे स्कूल और कक्षाओं में पत्रकारों को अनधिकृत प्रवेश की अनुमति न दें व ऐसे मामलों की शिकायत पुलिस से करें. बताया गया है कि यह क़दम कुछ समाचार चैनलों द्वारा इन ज़िलों के स्कूलों के छात्रों के गणित में कमज़ोर होने संबंधी ख़बरें प्रसारित किए जाने के बाद उठाया गया है.ओडिशा सरकार...

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कोरोना महामारी का शिक्षा के क्षेत्र में प्रभाव.

शिक्षा के क्षेत्र में भी देखा जा रहा है कोरोना महामारी का प्रभाव. हाल में आयी कई रिपोर्टों के मुताबिक बच्चों के सीखने, पढ़ने लिखने की क्षमता सहित गणितीय कौशल में कमी देखी जा रही है. जिसका प्रमुख कारण शिक्षा देने का नया माध्यम यानी ऑनलाइन माध्यम है. क्योंकि महामारी से बचाव के लिए तालाबंदी को एक ढाल के रूप में लागू किया गया. जिसके कारण शिक्षा देने के लिए ऑनलाइन माध्यम...

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सतत विकास लक्ष्य: साढ़े तीन दशक पीछे चल रहा है एशिया-प्रशांत, जलवायु परिवर्तन के मामले में 6 अंक पिछड़ा भारत

-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और कोविड-19 महामारी ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाला है, जिसका प्रभाव सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) पर भी साफ देखा जा सकता है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट “एशिया एंड द पैसिफिक एसडीजी प्रोग्रेस रिपोर्ट 2022” से पता चला है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र अपने एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तय समय सीमा यानी...

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जलवायु संकट में भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना

-आइडियाज फॉर इंडिया, सभी देशों की तरह भारत के लिए भी, जलवायु परिवर्तन एक अत्यंत तेजी से बढती समस्या बन गई है। इस लेख के जरिये पिल्लई एवं अन्य तर्क देते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना करने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत के संविधान में जलवायु संबंधी कई क्षेत्रों में राज्यों के महत्वपूर्ण कर्त्तव्य निर्धारित किये गए हैं। वे जलवायु नीति में संस्थागत सुधार...

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