रेलवे की रफ्तार और तेज करने व कायाकल्प के इरादे से रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भरोसा हासिल कर रेल बजट का आम बजट में विलय कराने में सफलता हासिल कर ली है। 1924 से लगातार जो रेल बजट आम बजट से अलग पेश होता रहा है, वह अब इतिहास का अंग बन गया है। किंतु इसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। अब...
More »SEARCH RESULT
बहुत दूर दिखती है मंजिल, सतत विकास सूचकांक में भारत 110वें स्थान पर
सतत विकास वैश्विक सामाजिक प्रगति रिपोर्ट में भारत के 98वें स्थान (133 देशों में) पर होने की निराशाजनक खबर के बाद अब चिंताजनक सूचना यह आयी है कि सतत विकास सूचकांक में हमारा देश 110वें (149 देशों में) पायदान पर खड़ा है. वर्ष 2030 तक गरीबी, भूख, अशिक्षा से मुक्ति के साथ बेहतर पर्यावरण का वैश्विक लक्ष्य पाने के हमारे प्रयासों पर यह एक गंभीर टिप्पणी है. इस रिपोर्ट की मुख्य...
More »सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश
ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...
More »मोदी के बताए मार्ग से गांव की ओर मुड़ने को मजबूर हुए जेटली-- विनोद अग्निहोत्री
अपने पिछले दो बजटों से उलट मोदी सरकार ने तीसरे बजट में सरकारी खजाने का पिटारा गांव और किसान की तरफ खोलते हुए अपनी सूट बूट की सरकार की छवि बदलने की जो कोशिश की है,वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर की गई है। बजट भले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बनाया हो, लेकिन इस बजट के लिए विशेष इनपुट खुद प्रधानमंत्री ने अपने वित्त मंत्री को...
More »नीति आयोग : एक साल का सफर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को अपने पहले स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा था कि वे योजना आयोग की जगह नयी संस्था बनाना चाहते हैं. इस घोषणा के अनुरूप, 1 जनवरी, 2015 को उन्होंने नीति आयोग बनाने की घोषणा की. इस नयी संस्था से देश को काफी अपेक्षाएं हैं. इसे जहां व्यापार, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा कौशल विकास जैसे मसलों पर ज्ञान के सृजन और...
More »