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छिंदवाड़ा की इस महिला नर्स के साहस को सलाम, खुद गर्भवती है और क्वारंटाइन सेंटर में दे रही सेवा

जनज्वार,  कोरोना महामारी के समय लोगों के त्याग और समर्पण की तस्वीर देखने को मिल रही है। कोई अपनी ड्यूटी में प्रण-प्राण से जुटा है तो कोई पारिवारिक समस्याओं को दरकिनार कर जरूरतमंदों की सेवा कर रहा है। ऐसी तस्वीर छिंदवाड़ा से सामने आई है। जहां नर्स चेतना विश्वकर्मा जो कि गर्भवती हैं, लेकिन अपने छह वर्षीय बेटे की जिम्मेदारी पति को सौंपकर नियमित रुप से क्वारंटाइन सेंटर में लोगों की...

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मई माह के कृषि कार्य

-फसल क्रांति, मई का महीना अपेक्षाकृत काफी गर्म रहता है। अतः किसान भाई अपना, अपने परिवार, पशुओं और खेत में खड़ी फसलों को सूर्य की तेज गर्मी से बचाने का विशेष ध्यान रखें। मई के महीने में किये जाने वाले प्रमुख कार्यों में धान की नर्सरी तैयार करना, मृदा परीक्षण, कपास की बुवाई, अनाज भंडारण व ग्रीष्मकालीन फसलों की देखभाल सम्मिलित हैं। इसके अलावा फसल चक्र भी इसी समय निश्चित किये...

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कभी घर-घर सर्वे, कभी थोड़ी जासूसी, कभी ढोलक की थाप: कौन हैं ये गुमनाम "कोरोना वॉरियर्स", महामारी से लड़ती हुई ये दस लाख की पैदल सेना ?

-गांव कनेक्शन,  खबर पक्की थी। फोन गुपचुप आया था, "दीदी हमारे पड़ोस में बंबई से आये हैं।" उत्तर प्रदेश के अटेसुआ गाँव में शहर से वापस आये मजदूरों को कायदे से 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना था, लेकिन ग्राम प्रधान ने उनके तुरंत आने पर ऐसा नहीं करवाया था। गाँव की आशा कार्यकर्ता कुसुम सिंह (48) को पता था कि अगर प्रधान पर उन्होंने सीधे ऊँगली उठाई तो उनका विरोध...

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उम्मीदें बजट 2020: कस्बों के अस्पताल दुरुस्त हो जाएं तो बड़े अस्पतालों पर कम पड़े बोझ

लखनऊ। सरकारी अस्पतालों में लगने वाली लंबी-लंबी लाइनें, प्राइवेट अस्पतालों के बढ़ते खर्चे के बीच सभी की निगाहें देश के अगले बजट पर हैं। क्या प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की हालत सुधारने के लिए बजट में खास व्यवस्था होगी? देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं पर जारी होने वाली रिपोर्ट 'नेशनल हेल्थ प्रोफाइल-2018' के अनुसार देश में 37,725 सरकारी अस्पतालों में 7,39,024 बेड हैं। करीब 10 हजार लोगों पर सिर्फ एक एलोपैथि‍क...

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दिल्ली में बीते पांच सालों में हर साल हुए औसतन 50 हज़ार गर्भपात: आरटीआई

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पिछले पांच साल के दौरान हर साल औसतन 50 हजार गर्भपात होने के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं. साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाली दिल्ली में प्रसव के दौरान मां की मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में 2013-14 से 2017-18 के दौरान सरकारी और निजी स्वास्थ्य केन्द्रों...

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