आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...
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हीरा-मन हाट हेराया-- अश्विनी भटनागर
पच्चीस साल पहले बाजार खुला था। प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्तमंत्री मनमोहन सिंह की उदार नीति के तहत यह नई संरचना बनी थी। उससे पहले हाट लगा करती थी। हर हफ्ते या फिर बड़ी जगहों में हफ्ते में दो बार। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पड़ोस में पंसारी था या फेरीवाले। हफ्ते की हाट में खरीद-फरोख्त तो होती ही थी, साथ में गपशप भी हो जाती थी। विक्रेता ग्राहक को...
More »सहेजना जरूरी है बरसात का पानी-- अतुल कनक
भारत कृषि प्रधान देश है। आज भी देश के किसानों का एक बड़ा वर्ग अपनी फसलों के लिए बादलों की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देखता है। मानसून का अच्छा या बुरा होना, हमारी फसलों की पैदावार के अच्छे या बुरे होने को तय करता है। लेकिन बदली जीवन शैली में जिन लोगों का कृषि संबंधी गतिविधियों से सीधा सरोकार नहीं है, मानसून उनसे भी अपने यथोचित स्वागत की अपेक्षा...
More »देह पर कब्जा और पुन:प्राप्ति-- सुजाता
किसी मनुष्य के व्यक्ति होने के लिए सबसे अहम बात है कि उसके देह और मन या आत्मा को दो फांक करके अलग न कर दिया जाये. देह और चित्त की एकाग्रता किसी मनुष्य को उसके अस्तित्व और गरिमा के एहसास के लिए बेहद जरूरी है. एक ऐसे मनुष्य की कल्पना कीजिए, जिसके पास एक मन है, जिसे मारते रहना है और एक देह है, जिसके बारे में हर निर्देश...
More »'ब्रेक्जिट' पर जनमत, यदि हां तो चपेट में पूरी दुनिया
23 जून का दिन ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के इतिहास में बड़ा दिन होगा। 2008 की मंदी के बाद वित्तीय जगत में ये दूसरी बड़ी घटना है जिसकी सभी दूर चर्चा हो रही है। इस दिन ब्रिटेन में यूरोपियन यूनियन से अलग होने या उसमें रहने पर जनमत होगा। इसे ही ब्रिक्जिट कहा जा रहा है। अग्रेंजी में इसका मतलब ब्रिटेन एक्जिट (बाहर होना)। ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने...
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