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चिंतित करतीं तीन घटनाएं-- आशुतोष चतुर्वेदी

पिछले दिनों तीन गंभीर घटनाएं हुईं. ये घटनाएं हम सबके लिए चिंताजनक हैं, क्योंकि ये संकेत देती हैं कि देश किस दिशा में जा रहा है. ये घटनाएं बताती हैं कि अविश्वास का भाव कितने गहरे तक जा पहुंचा है. इन घटनाओं से सीधे तौर से हम और आप जैसे आम लोग जुड़े हैं, प्राथमिक रूप से इनसे कोई राजनेता नहीं जुड़ा है. पहली घटना में ईद मनाने के बाद...

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आयुष्मान भारत : सतर्कता जरूरी

वर्ष 2018-19 के वित्त वर्ष के लिए बजट में जब वित्तमंत्री ने यह घोषणा की कि 10 करोड़ परिवारों यानी 50 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य पर आनेवाले खर्च के लिए पांच लाख रुपये तक के खर्च को सरकार वहन करेगी, तो यह एक सपने जैसा प्रतीत हुआ था. बजट भाषण में वित्तमंत्री ने ‘आयुष्मान भारत' योजना का जिक्र किया था, जिसके अंतर्गत दो प्रकार की स्वास्थ्य योजनाओं की घोषणा हुई...

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तूतीकोरिन के बाद की राजनीति-- एस श्रीनिवासन

पिछले महीने की 22 तारीख को तूतीकोरिन स्थित स्टर्लाइट इंडस्ट्रीज के खिलाफ शुरू हुआ 100 दिनों का धरना-प्रदर्शन अचानक हिंसक हो उठा था। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों के एक धड़े ने सरकारी अधिकारियों पर पेट्रोल बम फेंका और पुलिस पर हमला किया, जिसके जवाब में पुलिस ने गोलियां दागीं और इसके कारण 13 लोग मारे गए। उस दिन वास्तव में क्या हुआ था, इसके कई दावे और कई कहानियां हैं।...

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इस मशहूर कंपनी में 52,000 से घटकर सिर्फ 34,00 रह गए कर्मचारी

कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) में कर्मचारियों की संख्या करीब 94 प्रतिशत घटकर 3,400 रह गयी है। एक समय कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 52,000 थी। आरकॉम ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ''आरकॉम समूह में कर्मचारियों की कुल संख्या उच्चतम स्तर 52,000 से घटकर 3,400 पर आ गयी है। कर्मचारियों की कुल संख्या में 94 प्रतिशत की कमी...

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शिक्षा की चिंताजनक स्थिति-- आशुतोष चतुर्वेदी

किसी भी देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति उस देश की शिक्षा पर निर्भर करती है. शिक्षित समाज ही आगे बढ़ता है. अच्छी शिक्षा के बगैर बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती. अगर देश की शिक्षा नीति अच्छी है, तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. अगर शिक्षा नीति अच्छी नहीं होगी, तो विकास की दौड़ में वह देश पीछे...

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