भोपाल गैस त्रासदी मनुष्य जाति के इतिहास का भयावहतम औद्योगिक हादसा था, लेकिन इसके शिकार हुए लोगों के साथ हुआ अन्याय भी किसी त्रासदी से कम नहीं है। यूनियन कार्बाइड में ‘काराबिल’ नामक कीटनाशक बनाया जाता था, जिसका इस्तेमाल मुख्यत: कपास की खेती में होता है। गैस त्रासदी के बाद ही मैंने निश्चय किया था कि मैं जैविक खेती को बढ़ावा देने की कोशिश करूंगी और यही विचार ‘नवधान्य’ की...
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दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
More »फिर भी नहीं गलती दाल
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। जबर्दस्त समर्थन मूल्य और इसका तीन गुना बाजार मूल्य। फिर भी दलहन की खेती में दाल नहीं गल रही है। मांग व आपूर्ति के भारी अंतर कारण होने वाला जबर्दस्त मुनाफा भी किसानों को नहीं लुभा पा रहा है। पिछले पांच सालों में न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] दोगुना से अधिक बढ़ा है और बाजार मूल्य पांच गुना। लेकिन दलहन खेती के रकबे में मामूली वृद्धि हो पाई...
More »इस गांव में थम जाए पांव
झंझारपुर [मधुबनी, सुनील कुमार मिश्र]। अब अनुमंडल के लखनौर प्रखंड स्थित गांव हरभंगा में किसी का भी पांव थम जाएगा। कारण, जैविक ग्राम का सपना यहां साकार होने की ओर है। जैविक खेती से गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल रही है। यहां के सब्जी उत्पादक किसान सिर्फ जैविक खाद का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। 2011 तक पूरी तरह जैविक ग्राम बन जाने की उम्मीद पाले इस...
More »जीन का जिन्न-- देविंदर शर्मा
एक बार जीन बाहर आ जाए तो इसे रोकने का कोई रास्ता नहीं है. इसका लंबे समय से डर था. सामाजिक कार्यकर्ता और सजग वैज्ञानिक इसकी चेतावनी दे चुके थे, किंतु सरकार ने आंखें मूंदे रखीं. अब डर सच साबित हो चुका है. इसने पर्यावरण प्रदूषण के एक और विनाशकारी रूप-जीन प्रदूषण पर चिंता बढ़ा दी है. जीएम धान दिल्ली के एक अनुसंधान संगठन 'जीन कैंपेन' ने पता लगाया है कि बीज कंपनी...
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