नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
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जनगणना हो गई पर छूट गए हजारों बेघर
नई दिल्ली.बेघरों के प्रति जनगणना अधिकारियों की बेरुखी ने जनसंख्या गणना की कवायद को मजाक बना दिया और बेघरों को अछूत। यह कहना है बेघरों के बीच काम करने वाले कई गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का। एनजीओ ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी ने दावा किया है कि दिल्ली में बेघरों की गणना में अपनाई गई प्रक्रिया किसी भ्रष्टाचार से कम नहीं है। दिल्ली के नांगलोई, पुराना ब्रिज, लोहा पुल इलाके में रहने वाले...
More »महिला पंचायत पर खर्च 91 लाख, मामले निपटाए 3,364- मनीषा खत्री
छोटे-मोटे घरेलू मामले सुलझाने व महिलाओं को कानूनी सहायता देने के लिए दिल्ली महिला आयोग ने महिला पंचायत पर 91 लाख रुपये खर्च दिए, लेकिन योजना के तहत सिर्फ 3,364 महिलाओं को लाभ पहुंच पाया। यह खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है। आरटीआइ में आयोग से पूछा गया था कि दिल्ली में महिला आयोग की ओर से महिलाओं के लिए कितनी योजनाएं चल रही...
More »आपके मन पर असर या बे असर?- योगेन्द्र यादव
अब आपने इन पंक्ितयों को पढ़ने की जहमत उठाई है तो एक तकलीफ़ और कीजिये. अपने घर या पड़ोस से दूसरी से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को बुलाइये. उनसे कहिये कि वे निम्नलिखित पैरा को पढ़ कर सुनाएं. यह पैरा दूसरी कक्षा की पाठय़पुस्तक से लिया गया है. ’मैं और मेरी बहन रीता छत पर खेल रहे थे. अचानक असमान में बादल गरजने लगे. बिजली कड़कने लगी. बारिश की...
More »बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
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