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तीसरी दुनिया: भूटान के डेढ़ लाख हिंदू शरणार्थियों की उपेक्षा में छुपा है CAA का पाखण्ड

-मीडियाविजिल, तीसरी दुनिया यानी एशिया, अफ्रीका और लातिन अमेरिका के विकासशील देश जिनकी खबरें 1980 के दशक के बाद से ही बड़े सुनियोजित ढंग से हाशिए पर पहुंचती चली गईं। सारा स्पेस विकसित देशों ने ले लिया- बेशक, तीसरी दुनिया के देशों के अंदर ‘पहली दुनिया’ के जो छोटे-छोटे टापू थे उनके बाशिंदों को भी थोड़ी बहुत जगह मिलती रही। आज हम स्पष्ट तौर पर देख रहे हैं कि अमेरिका सहित विकसित...

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योगीराज के तीन सालः आंकड़ों के आईने में एनकाउंटर, मर्डर, रेप, बेरोजगारी और बवाल…

-मीडियाविजिल, योगी आदित्यनाथ की गिनवायी उपलब्धियों की मीडियाविजिल ने सरकारी आंकड़ों के सहारे पड़ताल की है. यह पड़ताल समाज के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़ी है. जो आंकड़े सामने आये हैं, वे दिल दहलाने वाली तस्वीर पेश करते हैं. मीडियाविजिल एक-एक कर के अलग-अलग क्षेत्रों की ज़मीनी हक़ीकत पाठकों के सामने रख रहा है. रोजगार  पिछले विधानसभा चुनाव के मौके पर भारतीय जनता पार्टी ने युवाओं के लिए 70 लाख नौकरियों का वादा किया था....

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बेरोजगारी चरम पर, फरवरी की बेरोजगारी दर पिछले चार महीनों में सबसे ज्यादा

मीडियाविजिल, बीते चार महीनों में बेरोजगारी अपने चरम पर है. हाल ही में आई सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी महीने में बेरोजगारी दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है. पिछले महीने जनवरी में यह 7.2 प्रतिशत थी. फरवरी के ये आंकड़े पिछले चार महीनों में सबसे ज्यादा है. इससे पहले अगस्त 2019 में यह आंकड़ा 8.2 प्रतिशत तक पहुंच गया था.  फरवरी के शुरूआती तीन हफ्तों में से पहले हफ्ते में...

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छत्तीसगढ़ बजट : किसान न्याय योजना की शुरुआत, धान किसानों के लिए 5,100 करोड़ का प्रावधान

छत्तीसगढ़ सरकार का दूसरा बजट वर्ष 2020-21 का मंगलवार को पेश हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बतौर वित्त मंत्री सदन में बजट पेश करते हुए धान किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि किसानों को बोनस नहीं दे सकते लेकिन हम अपने राज्य के किसानों को धान का मूल्य 2,500 रुपये प्रति क्विंटल देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राजीव गांधी...

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अरुधंति रॉय: क्षितिज पर मदद का कोई निशान नज़र नहीं आता

प्यारे दोस्तो, साथियों, लेखको और फ़नकारो! यह जगह जहां हम आज इकठ्ठा हुए है, उस जगह से कुछ ज़्यादा फ़ासले पर नहीं है जहां चार दिन पहले एक फ़ासिस्ट भीड़ ने— जिसमें सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से भाषणों की आग भड़क रही थी, जिसको पुलिस की सक्रिय हिमायत और मदद हासिल थी, जिसे रात-दिन इलेक्ट्रॉनिक मास-मीडिया के बड़े हिस्से का सहयोग प्राप्त था, और जो पूरी तरह आश्वस्त थी कि अदालतें...

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