इन आठ सालों में जनता ने इस कानून और इसके जरिये मिले अधिकार का भरपूर इस्तेमाल किया है, इस बात में कोई मतभेद नहीं हो सकता. व्यक्तिगत काम कराने के लिए भी और देश, समाज व समुदाय के हित में भी. सरकार की गलतियों, सरकारी तंत्र के भ्रष्टाचार और मनमानेपन को नंगा करने में भी इस कानून का इस्तेमाल आम जनता ने किया. इसमें वैसे लोग शामिल हुए, जिनका किसी राजनीतिक या...
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कोर्ट ने सरकार से पूछा : शिक्षकों के 1000 पद रिक्त क्यों
मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग से एक जनहित याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य के स्कूलों में शिक्षकों के 1000 से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं. उच्च न्यायालय कल उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था जो कोंकण संभाग के कॉन्स्टीटुएन्सी ऑफ टीचर्स से विधान परिषद सदस्य ने दायर की है. याचिका में सरकार से मान्यता...
More »तभी अपराध मुक्त होगी राजनीति- नृपेन्द्र मिश्र
राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ जारी अभियान अपने निर्णायक मोड़ पर है, लेकिन इसे अभी खत्म नहीं माना जा सकता। तब तो और नहीं, जब हमारे संसदीय लोकतंत्र की नैतिकता में लगातार गिरावट की चिंता स्पष्ट है और इस पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा भी हो रही है। इस दिशा में सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला 10 जुलाई, 2013 को आया, जिसमें देश की सबसे बड़ी अदालत ने जन प्रतिनिधित्व...
More »इनकार का मताधिकार- कुमार प्रशांत
जनसत्ता 3 अक्तूबर, 2013 : बरसों-बरस से जिसकी मांग की जा रही थी, वह संसद से भले न मिल सका, न्यायालय से तो मिला! भारतीय मतदाता को यह अधिकार मिला कि वह चुनाव में विभिन्न पार्टियों द्वारा खड़े किए गए उम्मीदवारों को अपने विवेक की कसौटी पर कसे और अगर उसे लगे कि सभी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं तो वह सबको रद्द करने का बटन दबा सके। मतलब...
More »कार्ड का 'आधार'?, सर्वोच्च न्यायालय पहुंची सरकार
नई दिल्ली। केन्द्र ने आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए आधार कार्ड पर पूर्व में दिये गए उस आदेश में बदलाव करने की मांग की है जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है और किसी भी व्यक्ति को इस आधार पर किसी सरकारी योजना से वंचित नहीं किया जा सकता। उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की पीठ ने आज कहा कि केन्द्र...
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