रांची : यह आयोजन समेकित व समावेशी विकास के लिए है. विकास कार्यक्रम बनें व इनमें इनपुट ही सही न हो, तो काम ठीक नहीं हो सकता. दूसरी बात कि आंकड़ों की खेती से परिणाम नहीं निकलेंगे. कृषि क्षेत्र पर सबने चिंता जाहिर की है. राज्य के अधिकतर लोगों के जीवनयापन से जुड़ा यह क्षेत्र है, लेकिन यहां पलायन व अन्य समस्याएं हैं. अब लोगों के सुझाव से वास्तविकता के साथ...
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निजी स्कूलों में गरीबों के लिए 25 फीसदी सीटें रिजर्व
जयपुर. निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर गरीबों के बच्चों को प्रवेश और शिक्षा देना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान राजस्थान निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के प्रारूप में शामिल किया गया है। कैबिनेट की मंगलवार को यहां हुई बैठक में नियम के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही ऊर्जा संरक्षण भवन दिशा-निर्देशों से संबंधित अधिसूचना को भी अनुमोदित किया गया और वाद करण नीति को...
More »जहां बरसता है बादल, बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं लोग-विजय मनोहर तिवारी
चेरापूंजी में सबसे ज्यादा बारिश होती है। फिर भी यहां पीने के पानी का संकट है। इसलिए क्योंकि लोगों की घरों में पानी बचाकर रखने की आदत नहीं है। यहां पहाड़ ही पानी का जरिया हैं। बहती धाराओं के नीचे बनाए गए कुंड या इनके नीचे खासतौर पर रखी टंकियों में पानी जमा होता है। फिर पीवीसी पाइपों से सीधे घरों में पहुंचता है। स्थानीय निवासी 50 वर्षीय केनी का सवाल...
More »रेत की रग-रग में सहेज लेते हैं पानी की बूंदें
जयपुर/जैसलमेर. जैसलमेर में लोग रेत की रग-रग में पानी की बूंदें सहेजना जानते हैं। पानी की हर बूंद के उपयोग की परंपरा यहां सदियों पुरानी है। लोग खाट पर बैठकर नहाते हैं। नीचे इकट्ठा किए पानी को घर व बर्तन धोने जैसे कामों में लेते हैं। तीन तरह का पानी रखते हैं। पीने के लिए मीठा। रसोई के लिए कम खारा और अन्य कामों के लिए खारा। करीब हर घर में...
More »महिला जमींदारा तै पूछकै बणगी खेती नीति
हिसार. हरियाणा किसान आयोग का मानना है कि पूरे राज्य में खेती का असल दारोमदार महिलाओं के हाथ में है। गांव की 70 प्रतिशत महिलाएं हल चलाने को छोड़कर कृषि से जुड़े सारे काम को अंजाम देती हैं। इसके चलते राज्य कृषि नीति तय करने के लिए उनका फीड बैक सबसे अहम हैं। इस फैसले बाद आयोग खेतों में काम करने वाली महिलाओं से बातचीत करता नजर आएगा। कृषि...
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