कार्बनकॉपी, 16 अप्रैल एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकारों का दायरा बढ़ाते हुए, जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षा के अधिकार को भी उनमें शामिल कर लिया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की एक बेंच ने ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जीआईबी) के संरक्षण पर एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। क्या था मामला ग्रेट इंडियन बस्टर्ड मुख्य रूप से राजस्थान...
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देशभर में नदियों को जीवित ईकाई मान्यता देने की मांग, सभी राजनीतिक पार्टियों को भेजा गया मसौदा
डाउन टू अर्थ, 05 अप्रैल लोकसभा 2024 को चुनावी एजेंडे में पर्यावरण के मुद्दे को प्राथिमकता में लाने के लिए जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय ने सभी राजनीतिक दलों और उनके सांसदों को अपने-अपने चुनावी घोषणा पत्र में पीपुल्स रिवर प्रोटेक्सन बिल को शामिल करने की मांग उठाई है। एक ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जन आन्दोलन के राष्ट्रीय समन्वय की नेत्री मेधा पाटकर ने कहा कि ‘2024 के लोकसभा चुनावों के...
More »समुद्री मलबे के जरिए दक्षिण-पूर्वी तट पर पहुंच रही विदेशी आक्रामक प्रजातियां
मोंगाबे हिंदी, 22 जनवरी समुद्री जीव प्लास्टिक, रबर, कांच, फोम स्पंज, धातु और लकड़ी के मलबे पर सवार होकर दक्षिण पूर्वी भारत के तटों तक पहुंच रहे हैं। इसकी वजह से स्थानीय जैव विविधता संरक्षण को लेकर चिंताएं बढ़ गईं है। एक अध्ययन ने इस बात का खुलासा किया है। ‘सत्यबामा इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई’ के सेंटर फॉर एक्वाकल्चर से जुड़े गुनाशेखरन कन्नन और टीम की रिपोर्ट बताती है कि...
More »विदेशी आक्रामक पौधों से निपटने में कारगार साबित हो सकते हैं बड़े शाकाहारी जीव
मोंगाबे हिंदी, 15 जनवरी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की इस वर्ष प्रकाशित ‘बाघ जनगणना’ रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 22 प्रतिशत प्राकृतिक क्षेत्रों पर आक्रामक खरपतवार तेजी से फैल रही हैं। वहीं 65 फीसदी इलाका ऐसा है जहां भविष्य में ये विदेशी आक्रामक प्रजातियां पनप सकती हैं। विदेशी आक्रामक प्रजातियों का तेजी से प्रसार न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में एक पुरानी समस्या...
More »जानवरों के शवों को जलाने में आने वाले खर्च को बचाते हैं लकड़बग्घे
मोंगाबे हिंदी, 04 जनवरी वैसे तो गिद्धों को शवों का निपटारा करने वाले जीवों के रूप में जाना जाता है लेकिन एक और ऐसा ही ‘सफाईकर्मी’ है जिसके योगदान को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है लकड़बग्घा। अगस्त 2023 में प्रकाशित हुई एक नई स्टडी में पाया गया है कि राजस्थान के सवाई मानसिंह वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में धारीदार लकड़बग्घे हर साल 23 टन पालतू जानवरों के शव और 17...
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