अस्पष्ट दिशा खाद्यान्न के मूल्य में बड़ी गिरावट आने के आसार नहीं बाजार की तस्वीर अगले महीनों में मानसून पर तय होगी हालांकि अमेरिका में मक्का का स्टॉक अनुमान से 8 फीसदी ज्यादा अगले महीनों में मौसम के हालात तय करेंगे खाद्य वस्तुओं के मूल्य की दिशा अमेरिका और दूसरे प्रमुख उत्पादक देशों में खाद्यान्न का उत्पादन बढऩे...
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सीरिया की प्रयोगशाला-अख़लाक, अहमद उस्मानी
जनसत्ता 3 अप्रैल, 2013: ‘अल्लाह, सूरीया, बशारू बस।’ सीरिया की पश्चिमी सरहद पर अलकतीना झील के किनारे बसे शहर हम्स में झूमते युवा अलकोर्निश मार्ग पर यही गा रहे थे। एक लय में उठते इस नारे को मैं अपने सीमित अरबी भाषा के ज्ञान के आधार पर समझ सकता था। वे कह रहे थे कि ‘हमारे लिए अल्लाह, सीरिया देश और हमारा नेता बशर अल असद काफी है’। इसी सड़क पर बने...
More »ताकि मिल सके सस्ती खुराक
नई दिल्ली। जेनरिक दवाएं गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। खासकर भारत जैसे विकासशील देश में इनकी अहमियत और हो जाती है, जहां गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली की बड़ी हिस्सेदारी है। दो जून की रोटी की जुगाड़ में लगे रहने वाले भारतीय परिवारों के कुल स्वास्थ्य पर खर्च का 72 फीसद केवल दवाओं के मद में जाता है। क्या हैं जेनरिक दवाएं: जब कोई दवा कंपनी किसी...
More »मॉरीशस मार्ग की माया- सुनील
जनसत्ता 1 अप्रैल, 2013: अट्ठाईस फरवरी को बजट पेश होते ही, वित्तमंत्री की उम्मीद के विपरीत, शेयर बाजार का सूचकांक गिरने लगा और पिछले तीन महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। कारण खोजने पर बजट भाषण का एक वाक्य खलनायक बन कर उभरा। तत्काल वित्तमंत्री से लेकर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों तक ने पत्रकार वार्ताएं आयोजित कर सफाई जारी की, ‘गलतफहमी\' दूर करने की कोशिश की और माफी...
More »कर ढांचे की कमजोर कड़ियां- अभिनव श्रीवास्तव
जनसत्ता 8 फरवरी, 2013: बीते दिनों जब प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार सी रंगराजन ने सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले कर-अनुपात बढ़ाने के लिए अमीरों पर ऊंची दर से कर लगाए जाने की बात कही तो उनका यह बयान सीधे तौर पर दो घटनाओं से प्रभावित रहा होगा। पहली घटना का संबंध अमेरिका से है, जहां पिछले बीस सालों में पहली बार अमेरिकी सीनेट ने अमीरों पर कर बढ़ाने के प्रस्ताव को...
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