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रीढ पर चोट- प्रदीप सती

उत्तराखंड में आई हालिया प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश की रीढ़ माने जाने वाले पर्यटन उद्योग पर बड़ी चोट की है जिससे हजारों लोगों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. प्रदीप सती की रिपोर्ट. एक-हरिद्वार में गंगोत्री टूर ऐंड ट्रैवल्स के नाम से कंपनी चलाने वाले अर्जुन सैनी ने लोन पर खरीदी गई अपनी तीन गाड़ियां सरेंडर कर दी हैं. चार धाम यात्रा बंद है और काम बस नाम...

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खाद्य सुरक्षा विधेयक लोकसभा में पास, विपक्ष ने कहा 'वोट सुरक्षा विधेयक'

नई दिल्ली। लंबे इंतजार और गतिरोध के बाद आखिरकार ऐतिहासिक खाद्य सुरक्षा विधेयक सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। विधेयक को सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। विधेयक पास होने के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सदन में मौजूद थे। विधेयक पास करने से पहले सदन ने विपक्ष की ओर से पेश संशोधनों को नामंजूर कर दिया। इस विधेयक में देश की 82 करोड़ आबादी को सस्ता अनाज मुहैया कराने का प्रावधान...

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खाद्य सुरक्षा से दूर होगी कुपोषण की समस्या

डॉ राजवीर शर्मा आइएआरआइ पूसा इंस्टीटयूट में बतौर प्रिंसिपल साइंटिस्ट(एग्रोनॉमी-ब्रीड कंट्रोल) कार्यरत हैं. पेश है खाद्य सुरक्षा और किसानों की समस्या पर पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह से विशेष बातचीत : सरकार का दावा है कि खाद्य सुरक्षा कानून गरीबों के लिए है, इस लिहाज से मात्र 67 फीसदी लोगों को इसके दायरे में रखा गया है? इसका क्या मतलब हुआ क्या यह माना जाये कि देश में 67 फीसदी गरीब...

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झारखंड में सुखाड़!

राज्य में सूखे के हालात हैं. बारिश नहीं हो रही है. स्थिति खराब होती जा रही है. फिलहाल सिर्फ 32 फीसदी ही रोपा हुआ है. ऐसे में सरकार चुप है. स्थिति पर पैनी नजर रखनेवाले कृषि विभाग में अलग से कोई मंत्री ही नहीं है. फिलहाल मुख्यमंत्री ही कृषि मामलों को देख रहे हैं. राज्य को सूखाग्रस्त घोषित होने की स्थिति में विभागीय स्तर पर कई अहम निर्णय लेने होंगे....

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नियमगिरि के हकदार- कमल नयन चौबे

जनसत्ता 2 अगस्त, 2013: नियमगिरि में खनन की इजाजत देने की बाबत सर्वोच्च न्यायालय ने अठारह अप्रैल को दिए अपने फैसले में ग्रामसभा की मंजूरी लेने का आदेश दिया था। इस फैसले और इसके बाद के घटनाक्रम ने जल, जंगल, जमीन पर स्थानीय समुदायों के हक की लड़ाई के कई विरोधाभासों और उपलब्धियों को उजागर किया है। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की मनमानी व्याख्या करते हुए ओड़िशा...

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