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गौमूत्र समेत गाय से जुड़े पदार्थों के फायदों पर रिसर्च के लिए मोदी सरकार ने बनाई कमेटी

सरकार ने गौमूत्र सहित गाय से जुड़े पदार्थों और उनके लाभ पर वैज्ञानिक रूप से विधिमान्य अनुसंधान करने के लिए 19 सदस्यीय समिति बनाई है जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के तीन सदस्यों को शामिल किया गया है। एक अंतरविभागीय सर्कुलर और समिति के सदस्यों ने यह जानकारी दी। सर्कुलर के अनुसार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता वाली समिति ऐसी परियोजनाओं को चुनेगी...

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दलित बुजुर्ग का सवाल- गाय माता है तो मर जाने पर खुद क्यों नहीं उठाते?

एक साल पहले गुजरात के उना में कथित गौरक्षकों द्वारा दलितों की गई पिटाई के वीडियो ने पूरे देश को झकझोर दिया था। ये घटना न केवल उन दलितों बल्कि दलित राजनीति के जीवन में भी निर्णायक मोड़ साबित हुई। पिछले साल 11 जुलाई को वशराम सरवैया (26), रमेश सरवैया (23), उनके चचेरे भाई अशोक सरवैया (20) और उनके रिश्तेदार बेचर (30) की कथित गौरक्षकों ने निर्मम पिटाई की थी।...

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किसानी का तीर्थ बनता तिउसा गांव --- बाबा मायाराम

महाराष्ट्र का एक गांव है तिउसा। यवतमाल से सोलह किलोमीटर दूर। यह गांव किसानों के लिए तीर्थ बन गया है। तीर्थ जहां कुछ अच्छाई है, किसान जहां अपना भविष्य देख रहे हैं। यहां बड़ी संख्या में किसान आ रहे हैं। खेती-किसानी की बारीकियां सीख रहे हैं। यहां के प्रयोगधर्मी किसान सुभाष शर्मा कई मायने में अनूठी खेती कर रहे हैं, जिसे वे सजीव खेती कहते हैं।     हाल ही मैं अपने कुछ...

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शिक्षा व्यवस्था और चिंतन-- सय्यद मोबीन जेहरा

इन दिनों बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में प्रवेश को लेकर भागदौड़ मची हुई है. बारहवीं की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास करनेवाले बच्चे तक ऐसे परेशान घूम रहे हैं, जैसे दो-चार अंक कम लाकर उन्होंने कोई अपराध कर दिया हो. कई ऐसे भी बच्चे मिले जिनका यह दावा है कि उन्हें किसी एक विषय में जितने अंक मिलने चाहिए थे, वे नहीं मिले हैं, लेकिन स्नातक में प्रवेश की चिंता में वे...

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भारतीय समाज के नए यथार्थ-- ज्योति सिडाना

वर्ष 2016 में सेंटर फॉर द स्टडी आॅफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) ने कोनराड एडेन्यूर स्टीफटुंग (केएएस) के साथ मिल कर ‘भारत में युवाओं की अभिवृत्ति' विषय पर एक अध्ययन किया। इस सर्वे में पंद्रह से चौंतीस वर्ष के भारतीय युवाओं (देश में युवा आबादी करीब पैंसठ फीसद है) से अनेक सवाल पूछे गए। आंकड़ों के अनुसार अस्सी फीसद युवा ज्यादा चिंतित या असुरक्षित महसूस करते हैं। उनमें चिंता के मुख्य...

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