देश के ज्यादातर राज्य गंभीर कृषि संकट की गिरफ्त में हैं। किसानों का असंतोष व उनकी बेचैनी दिनोंदिन आक्रामक होती जा रही है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में जो कुछ हुआ, वह हमारे नीति-नियंताओं के लिए एक झकझोर देने वाला वाकया था। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उनकी आमदनी नहीं बढ़ रही है। दालों और...
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13 सौ करोड़ रुपए की दाल खरीदी में गड़बड़ी, सरकार कराएगी जांच
भोपाल। बाजार में मूंग,उड़द और अरहर की कीमतों मे भारी गिरावट के बाद सरकार ने समर्थन मूल्य पर इन्हें खरीदने का फैसला किया और देखते ही देखते 13 सौ करोड़ की खरीदी हो गई। इतनी ज्यादा खरीदी पर अब सरकार को शक है कि इसमें गड़बड़झाला हुआ है। नरसिंहपुर, रायसेन, विदिशा, हरदा, होशंगाबाद सहित कुछ अन्य जिलों में खरीदी की मात्रा अप्रत्याशित होने से अधिकारियों को ये लग रहा है कि...
More »कर्जमाफी से परे जाकर भी सोचें-- देविन्दर शर्मा
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बार-बार दोहराया है कि उनकी सरकार छोटे किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ कर देगी। इससे राज्य सरकार के खजाने पर करीब 9,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा, जबकि 10.25 लाख किसानों को लाभ होगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके 34,000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी से 89 लाख छोटे किसानों को फायदा होगा। इसके बावजूद...
More »जिस प्याज को खरीदा अब उसे नष्ट करने के रास्ते तलाश रही सरकार
भोपाल। मध्यप्रदेश में जिस प्याज को खरीदने में कलेक्टरों ने दिन-रात एक कर दिए, अब वही प्याज परेशानी का सबब बनने लगी है। 10 से ज्यादा जिलों ने सरकार को खराब प्याज को नष्ट करने की अनुमति मांगी है। प्रतिदिन ऐसे जिलों की संख्या और प्याज की मात्रा बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) ने शासन को नियम तय करने का प्रस्ताव भेजा है।...
More »डिजिटल मीडिया का सच-- अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी
भारतीय लोकतंत्र की व्यापक परिधि में आज भी वह परिपक्वता नहीं है, जो किसी स्वस्थ समाज और लोक कल्याणकारी राज्य के लिए आवश्यक है। समाज में गरीबी, कम शिक्षा दर, सांप्रदायिक सोच, जातीय उन्माद, जेंडरगत कुंठा, व्यक्तिगत स्वार्थपरता और पूंजी के शातिराना खेल ने जिस परिवेश को बढ़ाया है, उसमें लोकतांत्रिक मूल्यों का लगातार क्षरण हो रहा है। जबकि देश में मीडिया के प्रति विश्वसनीयता की लंबी परंपरा रही है।...
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