चिंता : शहरों में सबसे ज्यादा गर्भपात 20 वर्ष से कम आयुवर्ग की लड़कियों में मां बनना शायद दुनिया की सबसे अद्भुत नैसर्गिक प्रक्रिया है, साथ में सबसे सुखद एहसास भी. जन्म देने का जिम्मा प्रकृति ने एक औरत को शायद इसीलिए दिया है, िक इस काम के लिए जो साहस और कोमलता चाहिए, वह सिर्फ औरत में ही हो सकती है. तमाम कष्टों के बावजूद एक औरत को सबसे ज्यादा...
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मजदूर होने का मतलब- डा अनुज लुगुन
अभी कुछ दिन पहले ही कोलकाता में ओवरब्रिज के गिरने से 22 लोगों के मरने की खबर आयी थी. मरनेवालों में ज्यादातर मजदूर थे. इनमें से एक उत्तर प्रदेश निवासी शंकर पासवान भी था, जो मोटिया का काम करता था. वह होली में अपने घर इसलिए नहीं गया, ताकि वह कुछ दिन और काम करके बेटी की शादी के लिए कुछ पैसे जमा कर सके. यह हमारे देश के मजदूरों...
More »स्कूल में नामांकन के लिए सीएम नीतीश के जनता दरबार पहुंचे बच्चे
पटना : बिहार विधानसभा बजट सत्र की वजह से स्थगित हुआ मुख्यमंत्री जनता दरबार आज फिर शुरू हुआ. दरबार में आज स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा और सामान्य प्रशासन विभाग के साथ कला एवं संस्कृति विभाग सहित कई और विभागों की शिकायतें मुख्यमंत्री सुन रहे हैं. नियमानुसार सभी विभागों के वरीय अधिकारी और संबंधित विभाग के मंत्री भी जनता दरबार में मौजूद हैं. काफी दिनों स्थगित रहने के बाद शुरू हुए...
More »कुम्हारबांधी: यहां 2016 में भी दिखती है 18वीं सदी जैसी गरीबी
सारठ बाजार. गरीबों के उत्थान की बातें अक्सर होती हैं, लेकिन इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखायी जाती है. यही कारण है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी कमाने के प्रयास में ही बीत जा रहा है. प्रखंड के कुम्हराबांधी गांव के हरिजन टोले का ग्रामीणों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी तक सिमट कर रह गयी है और वह रोटी भी...
More »आज भी मुख्यधारा से कटे हैं सरयू के लोग, तबीयत हुई खराब, तो बचना मुश्किल
इस इलाके में रहनेवाले लोगों के बेटे-बेटियों के लिए रिश्ते नहीं आते. तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा था, चार माह में यहां दिखेगा बदलाव, लेकिन हालात यह है कि यहां जीवन काटना भी मुश्किल है. फिर भी लोग यहां बसर कर रहे हैं इस उम्मीद में कि कभी तो उनके भी दिन बहुरेंगे. ।। सरयू से लौट कर जीवेश ।। चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा लगभग दो...
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