वे गांव लौटे तो नक्सलवादियों का निशाना बन जाएंगे और यदि राहत शिविरों में रहते हैं तो उन्हें अमानवीय परिस्थितियों के बीच ही बाकी जिंदगी गुजारनी पड़ेगी. सलवा जुडूम अभियान के दौरान बस्तर के राहत शिविरों में रहने आए हजारों ग्रामीण आदिवासी आज त्रिशंकु जैसी स्थिति में फंसे हैं. राजकुमार सोनी की रिपोर्ट कोतरापाल गांव की प्रमिला कभी 15 एकड़ खेत की मालकिन थी, लेकिन गत छह साल से वह अपने...
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जल की जमींदारी- राजकुमार सोनी(तहलका)
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 40 किलोमीटर दूर दुर्ग जिले के गांव महमरा के बाशिंदे आज भी इस बात को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते कि सदियों से उनकी जीवनरेखा रही शिवनाथ नदी पर अब उनका पहले जैसा अधिकार नहीं रहा. यहां के एक ग्रामीण साधुराम बताते हैं, 'हमें तो अब नदी की तरफ जाने में ही डर लगता है कि कोई कुछ कह न दे.' दरअसल शिवनाथ छत्तीसगढ़ की...
More »ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी शिक्षा है दूर- राधिका कपूर
पंजाब सरकार शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के नाम पर कितनी ही वाहवाही लूट रही हो पर, अब भी यह हकीकत से कोसों दूर है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो शिक्षा व्यवस्था का यह हाल है कि बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं। स्थिति यह है कि वहां बेहतर पढ़ाई की उम्मीद नहीं की जा सकती। यह खुलासा हुआ है हाल ही में पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की ओर से राज्य भर के 50 ग्रामीण...
More »पूरे हुए अरमान, शुक्रिया श्रीमान
सकरा (मुजफ्फरपुर), निप्र : सरकारी जमीन की आस लगाए 18 महादलितों का इंतजार मंगलवार को तब खत्म हो गया जब उन्हें जमीन की रजिस्ट्री के कागजात मिले। रजिस्ट्री कार्यालय में तीन डिसमिल जमीन के कागज को पाकर उनके हाथ नीतीश सरकार को शुक्रिया को उठ गए। जानकारी के अनुसार सीओ नरेंद्र कुमार ने अशोक मांझी,ननन माझी, रविन्द्र माझी, विपत मांझी, रीना देवी, लक्ष्मी देवी, दिनेश माझी, राजेश राम, रिंकु देवी,...
More »करोड़ों की सिंचाई मशीनरी फांक रही धूल
खेतों में हरियाली लाने व लोगों की रोजी-रोटी में बढ़ोतरी के उद्देश्य से स्थापित की गई डिडवीं टिक्कर सिंचाई योजना करीब दस साल से ठप पड़ी है। उठाऊ पेयजल योजना की करोड़ों रुपये की मशीनरी भी खुले में धूल फांक रही है। हमीरपुर मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित डिडवीं टिक्कर उठाऊ सिंचाई योजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 2001 में किया था। कुछ साल चलने...
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