मोदी सरकार ने वायदा किया है कि अगले पांच वर्षों में हर घरों में चौबीस घंटे बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने पारेषण (ट्रांसमिशन) संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मेगा योजना की शुरुआत भी की है। लेकिन बिजली वितरण कंपनियों की अनिश्चित वित्तीय हालत इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की राह में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है। स्थिति यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं से 1.93 लाख...
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अंबेडकर पर पुस्तक विद्यालयों से वापस ली गई
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर पर प्रकाशित एक पुस्तक के स्कूलों में पढाए जाने पर रोक लगा दी है। इसके बाद स्कूलों से ये किताब वापस ले ली गई। पुस्तक में वर्ष 1956 में एक धर्म परिवर्तन कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा घोषित प्रतिज्ञाओं का प्रकाशन किया गया था। इसे लेकर ही विवाद हो गया। यह पुस्तक राज्यभर के प्राथमिक सरकारी स्कूलों में छठी से आठवीं के छात्रों के...
More »इतने कम निवेश से क्या फायदा- नारायण कृष्णमूर्ति
अधिकतर वेतनभोगी लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक संबल देने के लिहाज से महत्वपूर्ण कर्मचारी भविष्य निधि में बदलाव हो रहा है, और यह पैसा अब शेयर बाजार में लगाया जा रहा है। यह पहले के प्रारूप से बिल्कुल अलग है, जिसके तहत पैसा केवल नियत वापसी के साधन के रूप में रखा जाता था। साल दर साल ब्याज दर घटने के साथ-साथ ईपीएफओ राशि के रिटर्न (लाभ) में भी...
More »किताबें तो अब भी काम की हैं- चंद्रशेखर तिवारी
ज्ञान को सर्वसुलभ बनाने में पुस्तकालय से बेहतर दूसरा विकल्प शायद ही हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर वर्ष 2005 में गठित भारतीय ज्ञान आयोग की पहल पर देश में एक स्वायत्त राष्ट्रीय पुस्तकालय आयोग की स्थापना की गई। इस आयोग की देखरेख में पुस्तकालयों के विकास, संरक्षण व संवर्धन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में देश में सार्वजनिक पुस्तकालयों के चार स्तर...
More »किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
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