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जनहित याचिका के ऐतिहासिक नतीजे

हम अपने संविधान की चाहे जितनी आलोचना कर लें और इसे जितना बेकार कह लें, सच यह है कि अब तक इसने ही देश के नागरिकों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया है और उस अधिकार के अतिक्रमण को दूर करने का रास्ता भी इसी ने दिया. इसका एक बड़ा उदाहरण है जनहित याचिका. यह जनता के संवैधानिक अधिकारों के इस्तेमाल और अदालत के कानूनी अधिकार से ही संभव हुआ...

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किशोर शब्द की नये सिरे से व्याख्या के लिये सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने किशोर न्याय कानून में किशोर शब्द की नये सिरे से व्याख्या के लिये दायर याचिकाओं पर मंगलवार को अंतिम सुनवाई शुरु कर दी. इन याचिकाओं में अनुरोध किया गया है कि जघन्य अपराध में लिप्त किशोर की स्थिति का निर्धारण किशोर न्याय बोर्ड पर छोड़ने की बजाये इसे फौजदारी अदालतों पर छोड़ा जाये. ये याचिकायें भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी और 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार...

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राजनीति का सूचकांक क्यों नहीं- अनिल जोशी

वर्तमान राजनीति में सभी असहाय-से लगते हैं। सबसे पीड़ित तो जनता ही है, जिसकी हर बार चुनाव में फेरबदल करने की कोशिश लगभग बेकार-सी हो जाती है, क्योंकि वही ढाक के तीन पात। राजनेता भी खुश-खुश से नहीं दिखते, क्योंकि अब चुनाव के बाद जो भी जनादेश आता है, वह आधा-अधूरा सा रहता है। फिर जोड़-तोड़ का नया खेल शुरू हो जाता है। मगर बात सत्ता की है, किसी न किसी...

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झारखंड पर बिहार के पेंशन मद का 7000 करोड़ बाकी है, केंद्र दिलायेगा झारखंड से पैसा

पटना: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार सरकार के तर्को पर सहमति जताते हुए झारखंड से बकाया पैसा दिलाने का आश्वासन दिया है. दो दिन पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव से वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह ने भेंट कर झारखंड पर कार्रवाई का अनुरोध किया था. झारखंड सरकार पर पेंशन मद का लगभग सात हजार करोड़ से अधिक का बकाया है. ढ़ाई वर्ष पूर्व तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव...

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महंगाई कम करने की नीयत चाहिए- देविंदर शर्मा

खाद्य पदार्थो की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है. इस मूल्य वृद्धि को अकसर मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश में खाद्यान्नों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है. फिर क्या वजह है खाद्य पदार्थो के मूल्य में होनेवाली वृद्धि की? क्या इसके पीछे जमाखोरों और सट्टेबाजों का हाथ है? आखिर किस...

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