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अजीब शिक्षा व्यवस्था: निवेश मनुष्य में नहीं, प्रतिभा में

-सत्यहिंदी, ऐश्वर्या रेड्डी की आत्महत्या के बाद शुरू हुई बहस, कितनी ही यंत्रणादायक हो, क्षणिक होकर न रह जाए, यह आशा की जानी चाहिए। और यह कि वह सतही भर भी न हो। तेलंगाना से दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ने आई ऐश्वर्या को कॉलेज से दूर अपने घर में आत्महत्या ही उस विषम स्थिति से निकलने का रास्ता मालूम पड़ा जो शिक्षा ने उसके लिए पैदा कर दी...

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लोकतंत्र की संरचना में ही असहमति गुंथी होती है

-सत्याग्रह, असहमति की व्याप्ति डेढ़ेक बरस पहले अहमदाबाद विश्वविद्यालय की अध्यापिका प्रतिष्ठा पण्ड्या ने फ़ोन कर बताया कि उन्होंने मेरे सम्पादन में आयी ‘इण्डिया डिसेण्ट्स’ संचयिता देखी है और मैं असहमति पर उनके छात्रों और सहकर्मियों से संवाद करने उनके द्वारा संचालित एक बौद्धिक सीरीज़ ‘नालन्दा’ में भाग लूं. जाना कई कारणों से नहीं हो पाया और फिर कोविड महामारी आ गयी. सो अब यह संवाद ऑनलाइन हुआ. छात्रों और अध्यापकों ने...

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नौबत बाजा: रेडियो मिस्ड काॅल के जरिए बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने की अनूठी तकनीक

-लोक संवाद, मोबाइल फोन और रेडियो चैनल को आपस में जोड कर शिक्षा व मनोरंजन की तकनीक से इस्तेमाल किया गया एक नया प्रयोग नौबत बाजा रेडियो मिस्ड काॅल वाला बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैला रहा... काॅलर को सिर्फ 7733959595  पर मिस्ड काॅल देनी होती है। इसके बाद दूसरे नम्बर से काॅल होती है और उस पर होती है ढेर सारी जानकारियां और मनोरंजक बातें।  राजस्थान में शिक्षा का प्रसार भले ही...

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26-27 नवंबर को किसानों-मज़दूरों का मोर्चा देश को बचाने की लड़ाई है

-न्यूजक्लिक,  यह एक संयोग मात्र नहीं है, वरन जनांदोलनों के बीच बढ़ती एकता का नमूना है कि 26-27 नवंबर को देश के सारे किसान और मज़दूर संगठनों ने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है, मज़दूरों की आल इंडिया जनरल स्ट्राइक और किसानों का दिल्ली चलो एक ही दिन! मज़दूरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान करने वाले Joint Platform of Central Trade Unions and Sectoral Federations & Associations ने अपने मांग पत्र...

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प्रकृति और पर्यावरण के लिए क्या महत्व रखता है आदिवासियों का सरना धर्म

-न्यूजलॉन्ड्री, देश में लंबे समय से आदिवासी समाज अपनी अलग धार्मिक पहचान की मांग करता आया है. झारखंड इस मांग का केंद्र रहा है और हाल के दिनों में यहां इस मांग ने जोर भी पकड़ा है. यही वजह है कि झारखंड के गठन के बाद पहली बार राज्य सरकार आदिवासियों के लिए अलग से धर्मावलंबी यानी सरना आदिवासी धर्म कोड लाने के लिए तीन नवंबर 2020 को एक प्रस्ताव लेकर...

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