काम ज्यादा- पैसा कम-- शायद, नये वित्तवर्ष में मनरेगा के मजदूरों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय का संदेश यही है.अगर बात अटपटी लगे तो इस तथ्य पर विचार कीजिए : पिछले साल के आखिर में खेती-बाड़ी के काम में मनरेगा के फायदे गिनाते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा वित्तवर्ष 2017-18 में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर अबतक मनरेगा की 71 फीसद राशि खर्च हुई है लेकिन नये वित्तवर्ष में...
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झारखंड : बिना खतियान नहीं बनता आवासीय प्रमाण पत्र, जिनके पास जमीन और नौकरी नहीं, लौट रहे निराश
रांची : नयी स्थानीय नीति लागू करते हुए सरकार ने आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन नौकरी के लिए जरूरी आवासीय प्रमाण पत्र अब भी बिना खतियान के नहीं बन रहे हैं. इस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रज्ञा केंद्रों पर आवासीय प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आनेवाले आवेदकों से खतियान, जमीन की डीड और नौकरी से संबंधित सर्विस बुक...
More »न्याय की चौखट से न्याय की आस-- अनूप भटनागर
विडम्बना ही है कि महिलाओं को समान अधिकार दिलाने और उनके हितों की रक्षा के लिये प्रयत्नशील न्यायपालिका में महिलायें अभी भी समुचित प्रतिनिधित्व से वंचित हैं। संसदीय समिति बार-बार महिला न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि करने की सिफारिश कर रही है। देश के 24 उच्च न्यायालयों में कार्यरत 673 न्यायाधीशों में इस समय सिर्फ 73 महिला न्यायाधीश हैं जबकि अधीनस्थ न्यायपालिका में कार्यरत 15959 न्यायाधीशों में 4409 महिला न्यायाधीश...
More »दास्तान-ए-आरटीआई: कहीं मुख्य सूचना आयुक्त नहीं तो कहीं सूचना आयोग ही नदारद !
क्या हाल-फिलहाल कभी आपके मन में आया कि देश में सूचना का अधिकार कानून के अमल हालत कैसी है ? अगर आपके मन में ऐसा सवाल कौंधा हो तो नीचे लिखे तथ्य आपको जवाब तक पहुंचाने में मददगार साबित हो सकते हैं: देश के 19 सूचना आयोगों में मार्च(2018) के पहले पखवाड़े तक 1.93 लाख द्वितीय अपील और शिकायत की अर्जियां अपने निपटारे की बाट जोहती लंबित पड़ी हैं. केंद्रीय सूचना आयोग...
More »एक साल में 38 हजार बच्चे 28 दिन भी नहीं जी पाते, 5 साल में इतना बढ़ गया शिशु मृत्यु दर
पटना : शिशु मृत्यु दर में अव्वल रहने वाले बिहार में बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है. नीति आयोग और नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य की दयनीय स्थिति बताती है. बच्चों की मृत्यु दर कम नहीं हो पा रही. यही वजह है कि प्रदेश में एक साल में 38 हजार बच्चों की मौत हो रही है. 5 साल में...
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