-जनपथ, मोदी सरकार ने सात साल पूरे कर लिए हैं। किसी भी समाज, देश या व्यक्ति के मूल्यांकन के लिए सात वर्ष पर्याप्त होते हैं। सात साल में ऐसी दस महत्वपूर्ण गलतियाँ थीं, जो निस्संदेह मोदी सरकार को परिभाषित करेंगी। विमुद्रीकरण: यह किसी भी सूची में सबसे ऊपर होगा क्योंकि इसकी सफलता की कमी और व्यापक तबाही ने अर्थव्यवस्था पर इसका असर डाला। विदेशों में बिजनेस स्कूलों में अब एक चेतावनी के रूप...
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विश्व पर्यावरण दिवस 2021: महामारी में पर्यावरण की फिक्र
-डाउन टू अर्थ, महामारी के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के बारे में सोचना भी मुश्किल है। अपार मानवीय पीड़ा और हानि के इस समय में पर्यावरण की आखिर क्या बिसात है? लेकिन आइए इस विषय में सोचने के लिए हम थोड़ा समय निकालें। पिछले एक महीने में हमें जिस चीज की कमी सर्वाधिक खली वह था ऑक्सीजन। आइए हम उन दिनों एवं घंटों के बारे में सोचें जो हमने अपने...
More »1050 वर्ग फ़ीट में उगाते हैं मशरूम, हर महीने होती है 30 हज़ार की कमाई
-द बेटर इंडिया, पिछले साल देश में जब कोरोना महामारी के मामले बढ़ने लगे और लॉकडाउन की अटकलें लगने लगीं, तो दूसरे शहरों में नौकरी करनेवाले बहुत से लोग, नौकरियां छोड़कर अपने घर लौट आए। ऐसे लोगों में, झारखंड के जमशेदपुर निवासी राजेश कुमार भी शामिल थे। 41 वर्षीय एमबीए ग्रैजुएट राजेश, असम में एक कंपनी में काम कर रहे थे। लेकिन फरवरी 2020 में, बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए,...
More »कोविड-19 वैक्सीन की दो अरब डोज़ बनी लेकिन कहाँ गईं?
-बीबीसी, कोरोना वायरस महामारी पूरी दुनिया को तबाह करने वाली साबित हुई है. लेकिन इतने कम समय में हम कोरोना वैक्सीन की दो अरब डोज़ बना रहे हैं और यह संक्रमण को रोकने की लड़ाई में मील का पत्थर है. अच्छी ख़बर है कि इस साल के अंत तक एक अुनमान के मुताबिक़ दुनिया भर के 5.8 अरब वयस्कों के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की डोज़ उपलब्ध हो जाएगी. बुरी ख़बर है कि...
More »कोरकू आदिवासी बहुल मेलघाट की पहाड़ियों पर कोरोना से ज्यादा कोरोना के टीके से दहशत!
-न्यूजक्लिक, अमरावती (महाराष्ट्र): "यहां यदि आप कोरोना के बारे में बातचीत करेंगे तो पता चलेगा कि लोग सरकारी अस्पताल जाने को तैयार नहीं हैं। कारण यह है कि लोगों को लगता है कि उन्होंने कोरोना का इलाज यदि सरकारी अस्पताल में कराया तो डॉक्टर उन्हें जिला अस्पताल अमरावती भेज देंगे, जहां उनका कोई इलाज नहीं होगा और वहां उन्हें बीमार रखे-रखे मार दिया जाएगा। फिर मौत के बाद उनकी लाश तक घर...
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