पटना। भले ही राजधानी कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होती जा रही हो, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि इसकी बड़ी जनसंख्या स्लम में रहने को विवश है। इन स्लमों का हाल बहुत बुरा है। यह हाल तब है जब राजधानी में सबसे अधिक वोट स्लम क्षेत्र में मिलते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक राजधानी के स्लम क्षेत्रों में रहने वाले 90 प्रतिशत वयस्कों के पास मतदाता पहचान पत्र है...
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शुद्ध पेयजल के लिए 400 करोड़ : प्रेम
भागलपुर : तीन साल के अंदर शहर के सभी घरों को शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा. प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अब ग्राउंड वाटर का दोहन नहीं होगा. ‘सरफेस वाटर यूटीलाइजेशन’ योजना के तहत भागलपुर में 400 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. उक्त बातें नगर विकास एवं आवास मंत्री प्रेम कुमार ने कही. वे बुधवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि जिन-जिन शहरों से होकर गंगा नदी गुजरती है, वहां...
More »रोज सवा लाख लीटर पानी की हो रही तस्करी
देवघर : शहर में पानी की किल्लत है. हर तरफ हाहाकार मचा है. लोग सुबह में जगने के साथ ही पेयजल को जुटाने में जुट जाते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इसका फायदा उठा रहे हैं. बड़े पैमाने पर पानी की चोरी हो रही है. आज सत्संग-रोहिणी रोड स्थित डढ़वा नदी से प्रतिदिन 25 से 30 टैंकर पानी चोरी का मामला सामने आया है. यहां से पानी शहर के...
More »पूरे राज्य पर गहराता जा रहा है एक गंभीर संकट का खतरा!
मुंबई। मानसून में देरी के कारण राज्य में जलसंकट की आशंका गहराती जा रही है। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य के सभी जिलाधिकारी, महानगर पालिका आयुक्त और नगर परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पानी किल्लत के संबंध में आपात तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण भागों के अलावा प्रदेश के चार शहर भी जलसंकट की चपेट में आने के कगार पर हैं। यदि और एक सह्रश्वताह बारिश नहीं हुई तो जालना,...
More »मानसून की आस देख रहे हैं, तो अब छोड़ दीजिए
इंदौर। प्रदेश में मानसून के लिए अब भी एक सप्ताह से ज्यादा इंतजार करना होगा। बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा में सिस्टम बना है, जिससे उम्मीद जागी है। यह सिस्टम एक-दो दिन में जमीन पर आने की संभावना है। पहले भी एक सिस्टम बना था लेकिन उसने मध्यप्रदेश तक आते-आते दम तोड़ दिया था। यदि इस सिस्टम ने निराश नहीं किया तो जुलाई के पहले सप्ताह तक प्रदेश में मानसून...
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