जबलपुर। स्कूलों में पीएम संवाद के आयोजन के बाद विद्यार्थियों को शारीरिक स्वच्छता की सीख दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश की सभी चयनित स्कूलों में हाथ धुलाई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। हाथ धुलाई कार्यक्रम को वृहद स्तर पर आयोजित करने का मकसद 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड' में स्थान दिलाना भी है। प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने हाथ धुलाई कार्यक्रम के संबंध में जो निर्देश जारी किए...
More »SEARCH RESULT
ओडिशा में आधे बुजुर्ग करते हैं काम,10 फीसदी बुजुर्ग शोषण के शिकार
भुवनेश्वर:संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या फंड ने ओडिशा में वृद्धों की स्थिति नामक रिपोर्ट तैयार की है. इसमें कहा गया है कि ओडिशा के आधे बुजुर्ग आर्थिक कारणों के चलते वृद्धावस्था अवस्था में भी काम करते है. अपनी मर्जी से इसका चयन करने वालों की संख्या महज 20 फीसदी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 प्रतिशत वृद्धों को शोषण का शिकार होना पडा. इनमें महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा...
More »बजर पड़े तो बजरा बोएं, आधुनिक तरीके से करें बाजरे की खेती- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी
बाजरा अथवा पर्लमीलेट (पेनीसेटम टाईफ्वायडस एल) एक महत्वपूर्ण मोटे अनाज वाली फसल है. इसकी खेती प्रागैतिहासिक काल से अफ्रीका एवं एशिया प्रायद्विप में होती रही है. तमाम मौसम संबंधित कठोर चुनौतियों का सामना खासकर सूखा को आसानी से सहने के कारण राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्रा, ओडीसा, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं अन्य सुखा ग्रस्त क्षेत्रों की यह महत्वपूर्ण फसल है. समस्त अनाजवाली फसलों में सूखा के प्रति सर्वाधिक प्रतिरोधक...
More »कम नहीं हो पा रहा कुपोषण- संदीप कुमार
सरकार का दावा है कि लोगों में कुपोषण घटा है. नेशनल सैंपल सर्वे आर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) की 66वीं अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि दो तिहाई लोग पोषण के सामान्य मानक से कम खुराक ले पा रहे हैं. योजना आयोग का मानना है कि हर ग्रामीण को न्यूनतम 2400 किलो कैलोरी व हर शहरी को न्यूनतम 2100 किलो कैलोरी का आहार मिलना चाहिए. जमीनी हकीकत क्या है, यह भी सरकारी...
More »बच्चों के हित में एकीकृत बाल संरक्षण योजना- आर के नीरद
मित्रो, बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर परिवार, समाज और सरकार सभी चिंता करते हैं. ये इन सभी के भविष्य की बुनियाद हैं. इन्हें जितना मजबूत बनाया जायेगा, सब का भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा. इस तथ्य के बाद भी आंकड़े बताते हैं कि हम बच्चों की जान बचाने में अब भी पीछे हैं. जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, उनमें कुपोषित बच्चों की संख्या भी अधिक होती है. बच्चों...
More »