नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगाई की दर में हाल के हफ्तों में नरमी के बावजूद घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग बहुत आशावान नहीं है। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि महंगाई की मौजूदा दर भी उनके लिए खतरनाक है। मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों की दशा व दिशा पर प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई का ताजा सर्वेक्षण में यह बात उभरकर आई है। इस साल अक्टूबर में महंगाई की मासिक दर साढ़े आठ...
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महंगाई डायन की नजर अब एक चुटकी पर
कोलकाता, मुख्य संवाददाता : हाय महंगाई, महंगाई-महंगाई। अब एक चुटकी नमक पर भी आफत बन आयी है। जी हां, चीनी, प्याज के बाद महंगाई डायन की काली नजर नमक पर है। जल्द ही इसके दाम बढ़ने वाले हैं। शायद इसके बाद आम लोगों को अदद एक चुटकी में भी कटौती करनी पड़ी। क्या है वजह दरअसल बेमौसम बारिश से गुजरात व राजस्थान में करीब 40 फीसदी नमक के टीले बह गये हैं।...
More »मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी का गड़बड़झाला
क्या मनरेगा को जस का तस छोड़ा जा सकता है? मनरेगा के मामले में नागरिक-संगठन आखिर इतना हल्ला किस बात पर मचा रहे हैं? क्या ग्रामीण इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता बहुत ज्यादा की मांग कर रहे हैं? क्या यूपीए- II वह सारा कुछ वापस लेने पर तुली है जो यूपीए- I ने चुनावों से पहले दिया था? चुनौती सामने है, मनरेगा गहरे संकट में है। अरुणा राय और ज्यां द्रेज सरीखे...
More »रोटी की बहस और बहस की जमीन- चंदन श्रीवास्तव
सलाह मिल गयी है. खाद्य-सुरक्षा विधेयक का मसौदा अपनी परिणति तक आ पहुंचा है. लोग जान गये हैं कि यूपीए सरकार ना सही सबको तो भी कम-से-कम 80 फ़ीसदी लोगों को सस्ता अनाज देने जा रही है. लोग खुश हैं या नहीं, कहा नहीं जा सकता. भोजपुरी में एक कहावत है-ये सूरदास घीव कड़कड़ाईल बा और सूरदास का जवाब कि थरिया में पड़ो तब नू. खाद्य-सुरक्षा के मामले में जनता-जनार्दन...
More »आमजन पर महंगाई का असर नहीं: पवार
जयपुर. एक ओर आम जनता बढ़ती महंगाई से परेशान है तो दूसरी ओर कृषि मंत्री का तर्क है कि आम जनता पर महंगाई का कोई असर नहीं पड़ा है। क्योंकि वर्ष 2002 के बाद से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन सामग्री की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का कहना है कि गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार के चलते अगले माह से बाजार में चीनी की दर कम...
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